जबरदस्ती या झूठ के सहारे किसी का धर्म परिवर्तन कराना इस्लाम के उसूलों के खिलाफ है. इसके साथ ही यह गैरकानूनी भी है. ऐसा करने वाले शख्स को कड़ी सजा होनी चाहिए. यह कहना है ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर कमाल फारूखी का. वे लव-जिहाद पर छिड़ी बहस के बारे में अपने विचार रख रहे थे.

लव जेहाद की बहस बेबुनियाद
कमाल फारूखी ने ये भी कहा कि सो कॉल्ड लव जिहाद को लेकर जिस तरह से बेसलेस डिबेट हो रही है वह सही नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हम साफ तौर पर कहना चाहते हैं कि झूठ का सहारा लेकर और जबरन धर्मांतरण कराना पूरी तरह गैरइस्लामी है और हमारे धर्म में इसके लिए कोई जगह नहीं है. अगर कोई ऐसी घटना में लिप्त पाया जाए तो उसके खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.’
प्यार को अलग नजरिए से देखें
फारूखी ने कहा कि कुछ नेता और मीडिया का एक हिस्सा जिस तरह से इस मसले पर बेबुनियाद बहस कर रहे हैं वह ठीक नहीं है. इस तरह की बेसलेस बातों से समाज के भाई-चारे और अमन-चैन को धक्का लगता है. उन्होंने कहा कि लव और जेहाद दो अलग अलग चीजें हैं और इनको एक साथ जोड़ने की कोई तुक हीं नही है. जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराने को हम पूरी तरह खारिज करते हैं. लेकिन प्यार से जुड़े हर मामले को एक ही निगाह से नहीं देखना चाहिए.

 

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Posted By: Shweta Mishra