Bareilly: फ्रेशर्स को इंप्लॉयमेंट का ऑफर लेटर देने वाली कंपनीज उनकी 'धोखाधड़ी' से परेशान हैं. फ्रेशर्स अपनी जॉब के लिए काफी एक्साइटेड होते हैं. उनमें वर्क कल्चर एडॉप्ट करने और न्यू टेक्नोलॉजीज सीखने की शार्प स्किल होती है. तभी तो वे कंपनी से कॉन्ट्रेक्ट तोडऩे में भी परहेज नहीं करते. ऊपर दिए गए दो केसेज से ये बात क्लीयर भी होती है. ट्रेनिंग कंप्लीट करते ही उन्होंने कॉन्ट्रेक्ट की परवाह नहीं की. वे ट्रेनिंग पीरियड पूरा होते-होते कंपनी छोड़ देते हैं. कंपनीज ऐसे स्टूडेंट्स की इन्डिसिप्लिन इग्नोरेंट एटीट्यूड और केयरलेसनेस से इतनी परेशान हो गई हैं कि उन्होंने इस सीरियस इश्यू की कंप्लेन यूनिवर्सिटी से की है.


क्या है मामलालखनऊ स्थित न्यू जेनएप्स कंपनी ने इस साल कैंपस प्लेसमेंट में पार्टिसिपेट किया और गौतम बुद्ध टेक्निकल यूनिवर्सिटी के 13 एमसीए स्टूडेंट्स को सेलेक्ट कर ऑफर लेटर दिया। ये सभी स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कई कॉलेजेज के एमसीए के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स थे। कंपनी ने इन्हें फाइनल सेमेस्टर से फुल टाइम ट्रेनिंग दी। सभी स्टूडेट्स से कंपनी ने 18 मंथ्स का एग्रीमेंट साइन किया। इसके अकॉर्डिंग, ट्रेनिंग लेने के बाद उन्हें कंपनी में 18 महीने तक जॉब करनी थी लेकिन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के दो स्टूडेंट्स मोहिता सिंह और अजय कुमार ने कॉन्ट्रेक्ट की परवाह न करते हुए ट्रेनिंग के बाद जॉब ज्वॉइन नहीं की।दूसरों पर बुरा असर


कंपनी ने स्टूडेंट्स के इस बिहेवियर को इंटेंशनली बताया। कंपनी की ऑफिसर समीक्षा यादव के अनुसार दोनों स्टूडेंट्स को कई बार कॉन्टेक्ट किया गया। उन्हें लेटर भेज कर जॉब ज्वॉइन करने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने रिप्लाई नहीं किया। स्टूडेंट्स ने इंम्प्लॉयमेंट एग्रीमेंट के कॉन्ट्रेक्ट का उल्लंघन किया है। इससे दूसरे स्टूडेंट्स पर भी बुरा असर पड़ता है। बाकी स्टूडेंट्स के मन में यह निगेटिव थिंकिंग डेवलप हो जाती है कि सारी मेहनत वे ही क्यों करें जबकि दूसरे गैरजिम्मेदाराना व्यवहार अपनाए हुए हैं।Company को loss

समीक्षा बताती हैं कि ऐसे स्टूडेंट्स के अनसिंसियर बिहेवियर की वजह से कंपनी को कॉफी लॉस होता है। कंपनी मैनेजमेंट ट्रेनिंग के लिए उन पर मनी, मैन पॉवर और टाइम वेस्ट करती है। ट्रेनिंग के दौरान स्टूडेंट्स न्यू टेक्नोलॉजी सीखते हैं और उसके बाद कॉन्ट्रेक्ट तोड़कर दूसरी कंपनीज ज्वॉइन कर लेते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स की वजह से दूसरे डिजर्विंग कैंडीडेट्स भी हमें मिलने से रह जाते हैं।Action लेने की मांगकंपनी ने स्टूडेंट्स के इस गैरजिम्मेदाराना बिहेवियर के लिए यूनिवर्सिटी से कंप्लेन की है। कंपनी मैनेजमेंट ने जीबीटीयू से अपील की है कि  वे अपने कॉलेजेज से इस इश्यू को सीरियसली डिस्कस करें। साथ ही वे यह भी चाहते हैं कि कॉलेज मैनेजमेंट ऐसे स्टूडेंट्स के खिलाफ स्ट्रिक्ट एक्शन लें। यदि ऐसा चलता रहा तो कंपनीज के बीच अविश्वास पैदा हो जाएगा, जो लॉन्ग टर्म में प्लेसमेंट को अफेक्ट कर सकता है।Colleges से अपील

कंपनी की कंप्लेन पर जीबीटीयू के वीसी प्रो। आरके खंडल ने सभी कॉलेजेज को लेटर लिखा है। इसके जरिए उन्होंने अपील की है कि स्टूडेंट्स और इंप्लॉयर्स के बीच विश्वास को बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं। उन्होंने लेटर में लिखा है कि विश्वास जीतने के लिए वर्षों लग जाते हैं और तोडऩे में चंद मिनट। ऐसे में कॉलेजेज की फैकल्टीज को कदम उठाने चाहिए, जो इंप्लॉयर्स में यह विश्वास पैदा कर सके कि हमारे स्टूडेंट्स उनके लिए बेहतर ह्यूमन रिसोर्स साबित होंगे।सीखने की प्रवृत्ति डालेंएक्पट्र्स का मानना है कि आजकल स्टूडेंट्स अपना कोर्स खत्म करते ही बिग पैकेज की ओर भागते हैं। वह स्किल्स हासिल करने को वेस्टेज ऑफ टाइम समझते हैं। जैसे ही उन्हें शुरुआती ऑफर मिलता है उसे कैश करते हुए ज्यादा पैकेज की जॉब ढूंढने लगते हैं, जबकि उन्हें शरुआती जॉब को भी करिकुलम का एक पार्ट समझना चाहिए। 2 वर्ष तक जॉब कर उन्हें स्पेशिएलाइजेशन हासिल करना चाहिए। जो भी पढ़ा हो उसे इंम्प्लीमेंट करना चाहिए। कॉरपोरेट के हर कल्चर एचआर, मार्केट, सेल्स आदि को जानना और समझना चाहिए। यह सभी स्किल्स लॉन्ग टर्म में लीडरशिप की क्वालिटी डेवलप करने में काफी हेल्पफुल साबित होती हैं।

आजकल स्टूडेंट्स में ये देखने को मिल रहा है कि वे ट्रेनिंग के बाद ज्यादा पैकेज के लालच में दूसरी कंपनी ज्वॉइन कर लेते हैं। इंट्री लेवल की जॉब को उन्हें अपने कोर्स का पार्ट समझना चाहिए। वहां कम से कम दो साल का एक्एपीरिएंस गेन करना चाहिए।- विशेष कुमार, मैनेजमेंट प्रोफेशनल
न्यू जेनएप्स कंपनी की तरफ से कंप्लेन आई थी। उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी कि दो स्टूडेंट्स ने ट्रेनिंग के बाद जॉब ज्वॉइन नहीं की। कंप्लेन पर सभी इंस्टीट्यूट्स को लेटर जारी कर दिया है कि इसे रोकने के लिए कदम उठाएं।- प्रो। आरके खंडल, वीसी जीबीटीयूReport by : abhisheksingh@inext.co.in

Posted By: Inextlive