महिलाओं को पुरुषों के बराबर आने में अभी और लगेंगे 81 साल!
डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट में है जानकारी
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि बीते 9 वर्षों में वर्कप्लेस पर जेंडर गैप थोड़ा ही घटा है. वर्ष 2006 से डब्ल्यूईएफ ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट जारी करता आ रहा है. तब से अब तक महिलाओं की इकॉनमी में हिस्सेदारी बढ़ गई है और पुरुषों के मुकाबले उनके लिए अवसर भी 56 पर्सेंट से बढ़कर 60 पर्सेंट तक पहुंचे हैं. वहीं डब्ल्यूईएफ का यह भी कहना है कि मौजूदा स्थितियों के आधार पर बाकी सभी चीजें समान रहती भी हैं तो भी स्थिति में दुनिया को यह अंतर पूरी तरह समाप्त करने में अभी भी 81 वर्ष और लगेंगे.
142 देशों को कवर करती है रिपोर्ट
जानकारी देते हुए डब्ल्यूईएफ के फाउंडर एंड चीफ क्लॉस श्वैब ने बताया कि दुनिया को इस काम में तेजी लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इकनॉमिक कारणों से जेंडर इक्वलिटी तक पहुंचना बहुत जरूरी है. वही अर्थव्यवस्थाएं होड़ में बनी रह पाएंगी, साथ ही प्रगति भी कर सकेंगी, जो अपने हर तरह के टैलेंट का कुशल इस्तेमाल कर सकें. बताया जा रहा है कि यह रिपोर्ट 142 देशों को कवर करती है. रिपोर्ट में यह भी देखा गया है कि हेल्थकेयर, एजुकेशन, राजनीतिक भागीदारी, रिसोर्सेज और अवसरों को लेकर विभिन्न देश महिलाओं और पुरुषों के बीच कैसे अंतर करते हैं.
35 देशों ने अंतर को किया है पूरी तरह से समाप्त
इनमें से लगभग सभी देशों ने हेल्थकेयर सुविधाओं तक पहुंच के मामले में गैप को कम करने के लिए पूरी तरह से काम किया है. इसी के साथ 35 देशों ने इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया है, जबकि 25 देशों ने एजुकेशन तक पहुंच का अंतर को मिटाया है. साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को लेकर अभी काफी काम करने की जरूरत पड़ेगी. दुनिया में डिसिजन मेकर्स में महिलाओं की सिर्फ 21 प्रतिशत ही सहभागिता है. हालांकि हाल के वर्षों में इस दिशा में भी काफी कुछ प्रगति की गई है.
महिलाओं का सबसे ज्यादा प्रतशित है राजनीति क्षेत्र में
रिपोर्ट की प्रमुख लेखक सादिया जाहिदी ने कहा है कि राजनीतिक मामले में दुनियाभर में नौ साल पहले की तुलना में अब 26 प्रतशित ज्यादा महिला सांसद और 50 प्रतशित अधिक महिलाएं मंत्री हैं. जेंडर इक्वलिटी के लिहाज से देखें तो उत्तरी यूरोप के पांच देश डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन इनमें सबसे आगे हैं. इनके साथ टॉप 10 में निकारगुआ, रवांडा, आयरलैंड, फिलीपींस और बेल्जियम शामिल हैं. इसके साथ ही यमन लगातार नौंवे वर्ष इस लिस्ट में सबसे नीचे ही है. अमेरिका पिछले वर्ष के मुकाबले 3 स्थान ऊपर 20वें स्थान पर आकर पहुंच गया है. इसके बाद अन्य बड़े देशों में ब्राजील 71वें, रूस 75वें, चीन 87वें और भारत 114वें पायदान पर काबिज है.