डीजल गाडि़यों के मालिकों के लिए एक बार फ‍िर खुशखबरी घूमकर दोगुनी होकर वापस आ गई है. दरअसल डीजल की कीमतों में उम्‍मींद से ज्‍यादा की कटौती की जा सकती है. बड़ी खबर यह है कि इसके लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. अब जल्‍द ही इसके लिए निर्णय ले लिया जाएगा. वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में आई इस ऐतिहासिक गिरावट के कारण भारतीय तेल विपणन कंपनियों को डीजल की बिक्री से होने वाला मुनाफा महज एक पखवाड़े के अंदर ही 87 फीसदी से अधिक बढ़ गया. वहीं यह भी खबर है कि यह पहली बार हुआ है जो सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को डीजल की बिक्री से मुनाफा हो रहा है.

कितनी होगी गिरावट
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के मद्देनजर डीजल की कीमतों में 3.56 रुपये प्रति लीटर की कमी आ सकती है. चार साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंची कच्चे तेल की कीमतों की वजह से अक्तूबर के पहले हाफ में डीजल की बिक्री से 1.90 रुपये का लाभ हो रहा था, जो अब बढ़कर 3.56 रुपये तक पहुंच चुका है. हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनावों के मद्देनजर आचार संहिता लागू होने के चलते सरकार ने अभी तक दाम नहीं घटाए हैं.
आचार संहिता ने महाराष्ट्र और हरियाणा में रोका कीमतों की कमी से
पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि अक्टूबर के पहले पखवाड़े में डीजल की बिक्री पर 1.90 रुपये प्रति लीटर का मुनाफा हो रहा था. ईंधन में सबसे ज्यादा खपत डीजल की होती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम चार साल के निम्न स्तर पर पहुंच गया है. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को डीजल की बिक्री पर पहली बार सितंबर के दूसरे पखवाड़े में 35 पैसे का लाभ हुआ. तेल कंपनियों को फायदा होने की वजह से दामों में कटौती होनी थी, लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से दाम नहीं घटाए जा सके. रविवार को चुनाव परिणाम घोषित होंगे, जिसके बाद चुनाव आचार संहिता हटेगी. चुनाव से पहले पेट्रोलियम पदार्थों के दाम घटना मतदाताओं का लुभाने का तरीका माना जा सकता था, इसलिए चुनाव आयोग ने दाम घटाने की अनुमति नहीं दी थी वहीं पेट्रोल सरकारी नियंत्रण से मुक्त है. बुधवार को पेट्रोल के दाम में 1 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई थी.
अब आपके रसोई के बजट को भी हो सकता है फायदा
अगर डीजल के दाम थोड़े भी कम होते हैं तो इसका प्रभाव यह होगा कि माल ढुलाई की लागत पहले से कम हो जाएगी. घरेलू बाजार के लिए विभिन्न राज्यों से सब्जियों की ढुलाई होकर अलग-अलग राज्यों में जाती है, जिसकी लागत काफी अधिक होती है. यही कारण है कि कई बार डीजल के दाम बढ़ने पर सब्जियों के दाम भी कई गुना चढ़ जाते हैं. महंगाई से आम जनता का बजट बिगड़ा हुआ है. इस समय हर घर की रसोई में थाली में दो चार आइटम भी कम होने लगे हैं, लेकिन अब आपके के लिए खुशखबरी आ सकती है. गौरतलब है कि जनवरी 2013 से हर महीने डीजल की कीमतों में 50 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी होती रही है, ताकि तेल कंपनियां इसकी बिक्री से होने वाले नुकसान को कम कर सके.

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Posted By: Ruchi D Sharma