मंगलवार को अनशन के आठवें दिन अन्ना की तबीयत बिगड़ रही है. उधर सरकार इस गतिरोध को जल्द से जल्द खत्म करना चाहती है. आमतौर पर दस बजे संसद में पहुंचने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मंगलवार को साढ़े नौ बजे ही संसद पहुंच गए. उसके कुछ देर बाद ही स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन अभिषेक मनु सिंघवी ने पीएम से मुलाकात की. इस मुलाकात में माना जा रहा है कि सरकारी लोकपाल बिल में जनलोकपाल बिल की कुछ बातों को शामिल करने पर चर्चा हुई.

सरकार ने बुधवार को साढ़े तीन बजे सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है इस बैठक में सरकार अन्ना को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मन भी टटोलना चाहती है. अन्ना 165 घंटे से ज़्यादा समय से अनशन पर हैं. किरण बेदी के मुताबिक उनकी किडनी पर असर दिखना शुरू हो गया है. वज़न लगभग छह किलोग्राम घट चुका है. लेकिन जैसे-जैसे अन्ना का अनशन बढ़ता जा रहा है, उनके समर्थन में उमड़े जनसैलाब का आक्रोश भी यूपीए सरकार के ख़िलाफ़ बढ़ता जा रहा है.

बातचीत के लिए तैयार होने के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान के बाद सरकार की तरफ़ से आध्यात्मिक गुरू रविशंकर के ज़रिए टीम से वार्ता का औपचारिक न्यौता दिया गया है. लेकिन अन्ना वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी या गृह मंत्री पी चिदंबरम से बात करना नहीं चाहते. सोमवार को अन्ना हजारे ने बातचीत के लिए मध्यस्थों के कुछ नाम सुझाए थे. शायद उन पर सरकार मंत्रणा करे. लेकिन मनमोहन सरकार की परेशानी विपक्षी दलों ने मिल कर बढ़ा दी है. भाजपा खुल कर अन्ना के समर्थन में आगे आ गई है और लालकृष्ण आडवाणी ने तो प्रधानमंत्री के इस्तीफ़े की माँग कर दी है.


इसे देखते हुए आज संसद में कांग्रेस को घेरने की विपक्षी तैयारी पूरी हो चुकी है. संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लोकसभा में ख़ुद पहल करते हुए कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं जिससे बीचा का रास्ता निकले और अन्ना अपना अनशन ख़त्म कर दें. उधर, खबरों के मुताबिक यूपीए सरकार प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने पर सहमत हो गई. सरकारी लोकपाल बिल में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका को लोकपाल से अलग रखा गया है. ये दो ऐसे मुद्दे हैं जिस पर अन्ना हज़ारे टस से मस होने को तैयार नहीं है. लेकिन मनमोहन सिंह के आवास पर सोमवार रात हुई आपात बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई.
ख़बरों के मुताबिक सरकार आनन - फानन में पीएम को लोकपाल के दायरे में लाने पर सहमत हो गई है. गौरतलब है कि अन्ना को 16 अगस्त को हिरासत में लेकर तिहाड़ जेल भेज दिया गया था, हालांकि उसी दिन उनकी रिहाई हो गई थी लेकिन उन्होंने बाहर आने से मना कर दिया था. तभी से उनका अनशन जारी है. वह शुक्रवार को जेल से बाहर आए और तब से रामलीला मैदान में अनशन पर हैं.

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Posted By: Kushal Mishra