नवाज़, हसीना और राजपक्षे को इनविटेशन से औरों को टेंशन
देश के अगले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले प्रमुख दक्षिणी एशियाई नेताओं को लेकर भारतीय राजनीतिक दलों में मतभेद खुलकर सामने आने लगा है.पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को लेकर कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी द्वारा बीजेपी की आलोचना करने और श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्ष महिन्द्रा राजपक्षे को लेकर एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता, डीएमके पेट्रियार्क एम करूणानिधि और भाजपा के एलाय एमडीएमके प्रमुख वाईको का विरोध अब खुलकर सामने आने लगा है.26 मई को होने वाले शपथ ग्रहण सामारोह में राजपक्षे के आने को लेकर तमिलना़डु के प्रमुख नेताओं में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है. सूत्रों के अनुसार जयललिता इस शपथ ग्रहण सामारोह में हिस्सा नही लेगीं.
दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता और पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के शामिल होने का बिरोध किया है. उन्होनें कहा कि यूपीए के शासन काल में जब भी भारत और पाकिस्तान के मध्य संबंधों को बेहतर करने की दिशा में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के द्वारा प्रभावी कदम उठाया गया तब बीजेपी के द्वारा इसका विरोध हुआ. आज उनके सिध्दांतों का क्या हुआ?
बीजेपी को ये नही भूलना चाहिए कि उनके पूर्व के शासन काल में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा भारत-पाकिस्तान रिश्तों को बेहतर बनाने की दिशा में जो प्रभावी कदम उठाये गए, उसी दिशा में यूपीए के शासन काल में भी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के द्वारा इन देशों के मध्य संबंधों को बेहतर करने की दिशा में काफी कुछ किया गया पर बीजेपी के द्वारा हमेशा इसकी आलोचना की गई.