एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी भले ही अमेठी से लोकसभा इलेक्शन हार गईं हों लेकिन अमेठी से उनका प्यार कम नहीं हुआ. राहुल गांधी ने ईरानी को अमेठी से मात दी थी लेकिन उनका कहना है कि वे अमेठी में ही अपनी जीत की जमीन तैयार करना चाहती हैं.

अमेठी के लोगों को शुक्रिया कहा
ईरानी का इस इलाके को छोड़ने का कोई इरादा नहीं है. उनका कहना है कि वे अमेठी को ही अपनी राजनीतिक जमीन बनान कर सोशल सर्विस का जरिया बनाना चाहती हैं.  लोकसभा इलेक्शन में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए प्रचार के लिए 20 दिन तक अमेठी की जनता से बातचीत करने वाली स्मृति चुनाव में हार के बावजूद कैबिनेट मिनिस्टर बनने के 20 दिन के अंदर ही अमेठी पहुंची और हर वोटर का शुक्रिया अदा किया.

मेरा संघर्ष खत्म नहीं हुआ: स्मृति

ईरानी ने कहा था कि अमेठी से उनका हारना अनफॉर्च्युनेट था लेकिन यहां उनका स्ट्रगल अभी खत्म नहीं हुआ है. लोकसभा सीट जीतने के बाद ही यह खत्म होगा. राज्यसभा मेंबर स्मृतिके करीबी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अब इलाके के डेवलपमेंट के लिए नए प्रोजेक्ट्स उतने सही ढंग से इंप्लीमेंट करने की सिचुएशन में नहीं है . पानी, बिजली तथा सड़कों का मुसला राज्य सरकार का विषय हैं. इसलिए ईरानी अब वहां की जनता से सीधे बात करके अमेठी में अपने पांव पूरी तरह जमाना चाहती हैं. वे अमेठी के चौतरफा डेवलपमेंट की प्लानिंग कर रही हैं. सालों से वीआईपी इलाका होने के बावजूद अमेठी अब भी पिछड़ा हुआ है. स्मृति उसकी तस्वीर बदलना चाहती हैं. उन्होंने राहुल गांधी की तरफ इशारा करते हुए कहा लोगों का अब अपने पुराने रिप्रेजेंटेटिव से यकीन उठता जा रहा है और वे उनसे मुंह फेर रहे हैं. वे अब चेंज चाहते हैं.

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Posted By: Shweta Mishra