इनकम टैक्स रिटर्न न भरना अब पड़ेगा भारी, विभाग ने बनाया सख्ती का मूड
सभी मुख्य आयकर आयुक्तों को लिखी चिट्ठी
खबर है कि पांच लाख से भी ज्यादा करदाता ऐसे हैं, जिन्होंने इस साल इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल ही नहीं किया है. टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए सीबीडीटी ने सभी मुख्य आयकर आयुक्तों से चिट्ठी लिखकर ऐसे मामलों की पूरी तरह से निगरानी करने को कहा है. यह जानकारी करने को कहा है कि गहनता के साथ यह मालूम करें कि किसने आयकर रिटर्न दाखिल किया है और किसने नहीं किया है.
आयुक्तों को दी गई हिदायत
सीबीडीटी की मानें तो 5,09,898 करदाताओं ने असेसमेंट ईयर 2011-12, 2012-13 और 2013-14 के दाखिल ई-रिटर्न में आय 10 लाख से अधिक बताई है या एक लाख रुपए या इससे अधिक सेल्फ असेसमेंट टैक्स भरा है, लेकिन इन्होंने असेसमेंट ईयर 2014-15 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है. मुख्य आयकर आयुक्तों को इस बात की हिदायत दी गई है कि ऐसे मामलों की उन्हें खुद निगरानी करनी चाहिए. उनको इसके लिए किसी भी निर्देश की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए.
पिछली बार की अपेक्षा टैक्स कलेक्शन में आई है काफी कमी
स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस के जरिये कम टैक्स भेजने और बड़ी राशि के रिफंड जारी होने से पिछली बार की अपेक्षा इस बार टैक्स कलेक्शन में काफी कमी आई है. इसके मद्देनजर सीबीडीटी कर संग्रह बढ़ाने के हर संभव प्रयास पर जोर दे रहा है. इसी क्रम में गौर करें तो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की थी. सरकार ने इसको लेकर 2014-15 के लिए 7,36,221 करोड़ रुपये के कर संग्रह का लक्ष्य रखा है. यह पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान से 15 फीसदी ज्यादा है.
क्या कहते हैं वित्त मंत्री
इस बाबत वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया है कि चालू वित्त वर्ष में टैक्स रिफंड बढ़ने का असर राजकोषीय घाटे पर भी पूरी तरह से पड़ेगा. गौर से देखें तो यह अप्रैल से सितंबर के दौरान ही पूरे साल के तय लक्ष्य के 82.6 फीसदी तक पहुंच गया है. वहीं जानकारी है कि इस साल करीब 1.20 लाख करोड़ रुपये के टैक्स रिफंड अभी भी पूरी तरह से पेंडिंग हैं.