सिरीज़ जीतने के लिए भिड़ेंगे भारत-दक्षिण अफ़्रीका
दोनों टीमें गुरुवार से डरबन में दूसरा और मौजूता सिरीज़ का अंतिम टेस्ट खेलने उतरेंगी.इससे पहले क्रिकेट की दुनिया में दूसरी पारी में सबसे बड़ी हार या सबसे बड़ी जीत का गवाह बनने से सिर्फ आठ रन दूर रहे जोहानिसबर्ग का न्यू वांडरर्स स्टेडियम ऐतिहासिक बनते-बनते रह गया.उसके बाद से दोनों टीमों के कप्तान और खिलाड़ी ख़ुद अपने ऊपर ज़िम्मेदारी लेने की जगह एक दूसरे पर मैच को ड्रॉ कराने का आरोप लगा रहे हैं.विराट कोहली तो साफ-साफ कह चुके हैं कि उन्हें समझ नही आया कि जब चार ओवर का ही खेल बचा रहे तब भी फ़िलैंडर और डेल स्टेन रन बनाने की कोशिश ना करें.
दूसरी तरफ दक्षिण अफ़्रीका के कप्तान ग्रैम स्मिथ ने भी भारतीय गेंदबाज़ो के विकेट टू विकेट गेंदबाज़ी कर बाकी बचे बल्लेबाज़ो को आउट करने की कोशिश की जगह विकेट से दूर गेंदबाज़ी कर मेडिन ओवर करने की रणनीति पर सवाल उठाए.खैर कुछ भी हो, अंत में लाभ मेहमान टीम को ही हुआ क्योंकि अगर भारत पहला टेस्ट मैच हार जाता तो फिर डरबन में उस पर बेहद दबाव होता.भारत आज तक दक्षिण अफ़्रीका में कभी भी टेस्ट सिरीज़ नही जीत सका है लेकिन अब डरबन में उसके पास इतिहास बनाने का मौका है.
वैसे भी डरबन में दक्षिण अफ़्रीका का रिकॉर्ड पिछले पांच सालों में कोई बहुत अच्छा नही रहा है. उसने साल 2008 के जनवरी में वेस्टइंडीज़ को एक पारी और 100 रन से हराया था. इसके बाद वह डरबन में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत और श्रीलंका के हाथों हार चुका है.विदेशी पिच
हाशिम अमला और यक कालिस ने पहले टेस्ट मैच में तो कुछ खास नही किया लेकिन अगर दूसरे टेस्ट मैच में भी उनका यही हाल रहा तो दक्षिण अफ़्रीका मुश्किल में पड़ सकती है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि डरबन में कौन विजेता बनता है और क्या भारत डरबन में जीत हासिल कर पहली बार वहां सिरीज़ जीतने का सपना पूरा कर पाता है या नही ?