पति और पत्नी में किसी का व्यवहार यदि एक-दूसरे के प्रति इतना क्रूर हो जाए कि एक का दूसरे के साथ रहना मुश्किल हो जाए तो उसे तलाक का हक है.


सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहरइलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी है. इस मामले में पति ने तलाक की अर्जी दाखिल की थी और हाई कोर्ट ने परिवार न्यायालय द्वारा अर्जी को मंजूर करने के फैसले को सही ठहराया था. कोर्ट ने पत्नी की ओर से दाखिल वैवाहिक संबंध बहाल करने की अर्जी भी खारिज कर दी थी. पति को बनाया था प्रतिवादीइस मामले में पत्नी रुचिता श्रीवास्तव ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी और अपने पति विवेक स्वरूप को प्रतिवादी बनाया था. विवेक पीसीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में नैनीताल में उत्तराखंड एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में कार्यरत हैं. याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एचएल गोखले और न्यायमूर्ति जे. चेलामेश्वर ने हाई कोर्ट के फैसले को जायज ठहराया और कहा कि इसमें हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं बनता.

Posted By: Satyendra Kumar Singh