भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी इसरों ने मंगलयान की सफलता के बाद नेविगेशनल सैटेलाइट लांच कर दिया है. इस सफलता से इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बुलंद हो गया है.

इसरो के हाथ दूसरी बड़ी सफलता
इंडियन स्पेस एजेंसी इसरो ने IRNSS सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करके एक बड़ी सफलता हासिल की है. उपग्रह के कक्षा में शामिल होते ही एजेंसी और देश-विदेश में मौजूद इसरो के वैज्ञानिक खुशी से झूम उठे. इस सैटेलाइट को रात 1:32 पर PSLV C-26 से लांच किया गया. इस सैटेलाइट के शुरू होते ही इंडिया अपना खुद का नेविगेशन सिस्टम बनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ गया है.

सात उपग्रहों की सिरीज में तीसरा

इसरो ने IRNSS सैटेलाइट को पृथ्वी के सबसे नजदीक दूरी 284 किलोमीटर और सबसे ज्यादा दूरी 20650 किलोमीटर पर रखा है. इसरो के वैज्ञानिकों ने इस सैटेलाइट को सब जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट पर लांच करने का मिशन बनाया था जिसमें वे सफल हुए हैं. मिशन की सफलता के बाद इसरो के अध्यक्ष के राधाकृष्णन ने इस मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी.

कैसा होगा नेवीगेशनल सिस्टम

इस नेवीगेशनल सिस्टम से इंडिया को दो तरह की सेवाएं प्राप्त होंगी जिनमें स्टेंडर्ड पोजिशनिंग सर्विस और रिसट्रिक्टिड सर्विस शामिल होंगी. इनमें रिसट्रिक्टिड सेवाएं सिर्फ ऑफिशियल्स को अवेलेबल होंगी. गौरतलब है कि इस योजना के सफल होने के लिए सात उपग्रहों की आवश्यकता है जिनमें से तीन उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो चुके हैं. इसके साथ ही साल 2015 तक यह योजना कंपलीट की जानी है. गौरतलब है कि इस नेवीगेशनल सिस्टम से 1500 किलोमीटर की रेंज में सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी. इससे पहले रूस, अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और चीन भी अपना नेवीगेशनल सिस्टम लांच कर चुके हैं.

Hindi News from India News Desk

 

Posted By: Prabha Punj Mishra