Ranchi : आखिर लोग किस पर यकीन करें? नौकर घर में सेंध लगवा देता है तो ड्राइवर अपने ही मालिक को चूना लगाने की जुगत में लगा रहता है. यहां तक कि ड्राइवर चंद पैसों की लालच में आकर अपने ही मालिक को धोखा दे देता है. मैक्सिमम केसेज में अपने ड्राइवर पर लोग फेथ करते हैं. उससे अपने सुख-दुख की बातें करते हैं. लोग ड्राइवर पर भरोसा कर अपनी फैमिली तक को उसके हवाले कर देते हैं. लेकिन हाल में आए कई केसेज डरानेवाले हैं.


ज्ञानचंद जैन को मिला धोखा

जनवरी, 2013 में टायर रिसाइलिंग फैक्टरी के ओनर ज्ञानचंद जैन अपनी ही सेंट्रो कार के ड्राइवर मुकेश केसरी के विश्वास पर जान गंवा बैठे थे। ड्राइवर ने विश्वसनीयता का हनन कर डाला और चंद पैसे कमाने की लालच में अपने ही बुजुर्ग मालिक की किडनैपिंग का मास्टरमाइंड बन गया। किडनैपिंग करने के बाद उसने अपने ही पांच सहयोगियों के साथ मिलकर ज्ञानचंद जैन की कार में हत्या कर दी थी और शव को इटकी एरिया में ले जाकर दफन कर दिया था। वह खुद को मूल रूप से बरौनी का रहनेवाला बताता था और चुटिया के महादेव मंडा के पास किराए का मकान लेकर रहता था। पांच करोड़ फिरौती मिलने के लालच में ही ज्ञानचंद जैन के ड्राइवर मुकेश केसरी और ड्राइवर विकास तुरी ने मिलकर अपहरण की योजना बनाई थी। अपहरण कांड को अंजाम देने के लिए मुकेश केसरी ने सिमलिया नवाटोली में फैक्टरी के बगल में रह रहे सूरज गोप, दलादली के क्रिमिनल मताल, प्रेम और गुमला के क्रिमिनल शिवनाथ उरांव को शामिल किया था। आज तक वह पुलिस गिरफ्त से बाहर है।

मैनेजर से मांगे थे दस लाख
16 सितंबर, 2011 को एक ड्राइवर महज चंद दिनों में लखपति बनने का ख्वाब देख रहा था। लेकिन उसकी ख्वाहिश पूरी नहीं हुई और पुलिस ने उसे अरेस्ट कर जेल भेज दिया। कहानी यह थी कि डोरंडा श्यामली कॉलोनी में रहनेवाली कुमारी अमिता पतरातू स्थित स्टेट बैंक में जॉब के लिए जाती थी। इसी दौरान उनका ड्राइवर प्रकाश कुमार चार दिनों की छुट्टी पर घर चला गया। प्रकाश ने अपने स्थान पर सोनू कुमार को कुछ दिनों के लिए गाड़ी चलाने के लिए कहा। सात सितंबर की रात में कुमारी अमिता के मोबाइल फोन पर एक कॉल आया। कॉल करनेवाले ने कहा कि हमें दस लाख रंगदारी दो, हम तुम्हारे बारे में सबकुछ जानते हैं। किस गाड़ी से जाती हो। कब जाती हो और कब लौटती हो। यदि दस लाख रुपए नहीं दिए गए, तो उठा कर ले जाया जाएगा। आठ सिंतबर  की शाम में कुमारी अमिता ने डोरंडा थाने में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। डर के मारे उसने पतरातू स्थित बैंक जाना भी छोड़ दिया था। जब डोरंडा पुलिस ने मामले की छानबीन की, तो पाया कि अमिता से और कोई नहीं, उसी के ड्राइवर सोनू ने दस लाख रुपए की डिमांड की थी।

चालक निकला था लुटेरा
21 सितंबर, 2011 को सिटी के टेंडर हर्ट स्कूल के मालिक का चालक ट्रक लुटेरा निकला था। चालक सुदामा महतो को मालिक के द्वारा तनख्वाह के रूप में साढ़े पांच हजार रुपए दिए जाते थे। अधिक पैसे कमाने की लालच में वह ट्रक लुटेरा बन गया था.  सुदामा महतो पर तुपुदाना ओपी क्षेत्र के सौरभ होटल के समीप ड्राइवर व खलासी समेत ट्रक का अगवा करने का आरोप है। ट्रक में चीनी, तेल वगैरह लदे हुए थे। उक्त ट्रक पंडरा कृषि बाजार से निकला थी और बसिया जा रहा था।

ऑटो को ही कर दिया था गायब
22 सितंबर, 2011 को लोअर बाजार थाना पुलिस ने चोरी के ऑटो को टाटीसिलवे बजरंग बली के पास से बरामद किया था। ऑटो के मालिक प्रकाश कुमार गुप्ता ने लोअर बाजार थाना में एफआईआर दर्ज कराने के बाद पुलिस को सूचना दी थी कि ऑटो ड्राइवर मो सुहैल चलाता है। वह मौलाना आजाद कॉलोनी में रहता है। उन्हें शक है कि उसने ही ऑटो जेएच01एएन-1798 की चोरी कर ली है। जब मो सुहैल से पूछताछ की गई, तो उसने ऑटो चुराने की बात स्वीकार कर ली और कहां छिपाया है, इसकी भी जानकारी दी थी.  इधर सिटी में ड्राइवरों के खिलाफ लगातार मिल रहे केसेज के बाद पुलिस ने भी लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है और पूरी पहचान करने के बाद ही ड्राइवर रखने की बात कही है।

Posted By: Inextlive