इराक में कुर्द बलों और शिया नागरिक सेना ने इस्लामिक स्टेट आइएस आतंकियों के कब्जे से एक महत्वपूर्ण कस्बे को छुड़ाने में सफलता पाई है. सुरक्षा बलों ने सोमवार को सुलेमान बेक कस्बे से आतंकियों को पीछे खदेड़ दिया. अधिकारियों ने कहा कि पिछले 11 हफ्तों से आतंकियों का यहां कब्जा था.


आतंकियों द्वारा बिछाए बमों का खतरा बरकरारएक अधिकारी ने कहा, 'सुलेमान बेक अब संयुक्त सुरक्षा बलों के कब्जे में है. हालांकि यहां अब भी आतंकियों द्वारा बिछाए गए बमों का खतरा है.' अधिकारी ने बताया कि सलाहेद्दीन प्रांत के यंकजा गांव को आतंकियों से वापस पाने के लिए संघर्ष चल रहा है. कुर्द सेना के एक कर्नल और सुलेमान बेक के एक अधिकारी ने भी आतंकियों को खदेड़े जाने की पुष्टि की है.आतंकियों का महत्वपूर्ण ठिकानाअधिकारी ने कहा कि यह आतंकियों के लिए एक महत्वपूर्ण ठिकाना था. यह कस्बा अमेरली के निकट स्थित है, जिसे एक दिन पहले ही इराकी सुरक्षा बलों ने आइएस के कब्जे से मुक्त कराया है. यहां हजारों शिया तुर्की नागरिक आतंकियों के कब्जे में थे. अमेरली को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाना आइएस के खिलाफ इराकी सुरक्षा बलों की अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है.
वैश्विक खतरा बन गया है आइएस


इराक सरकार के मानवाधिकार मंत्री ने सोमवार को कहा कि इस्लामिक स्टेट ने इराक में नागरिकों के साथ बर्बर व्यवहार किया है. इसने राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता के साथ-साथ वैश्विक खतरे को जन्म दिया है. मंत्री मोहम्मद शिया अल सुडानी ने कहा कि आइएस इराकी समस्या नहीं है बल्कि यह दुनिया के सभी देशों के लिए खतरा है.

जेहादियों के विरुद्ध कड़े कदम उठाएगा ब्रिटेनब्रिटेन में सुरक्षा खतरों के मूल्यांकन के स्तर को बढ़ाने के बाद प्रधानमंत्री डेविड कैमरन संदिग्ध जेहादियों के विरुद्ध कड़े कदमों की घोषणा कर सकते हैं. ब्रिटिश मीडिया ने कहा कि सीरिया और इराक में आतंकियों की ओर से लड़ रहे संदिग्ध ब्रिटिश नागरिकों की घर वापसी को अस्थायी तौर पर प्रतिबंधित किया जा सकता है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh