एम्स ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों ने एक मजदूर के पेट में घुसी रॉड को बाहर निकालकर उसे नई जिंदगी दी. करीब चार फीट लंबी यह रॉड चार सेंटीमीटर मोटी है और मजदूर के शरीर के आर-पार हो गई थी. अब वह खतरे से बाहर है और उसे चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है।


बैठाकर ले जाया गया अस्पतालराजू (35) शुक्रवार को नोएडा के सेक्टर-दो स्थित एक फैक्ट्री में ट्रक से कांच से भरी पेटी उतार रहा था. अचानक एक पेटी गिरने से उसे झटका लगा. इससे पेटी उतारने में इस्तेमाल की जा रही रॉड राजू के पेट में घुस गई. राजू को पहले नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन हालत बिगड़ने पर उसे शाम 4:30 बजे दिल्ली स्थित एम्स के ट्रॉमा सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया. रॉड पेट के आर-पार हो जाने के चलते वह एंबुलेंस में लेट नहीं सकता था. इसके चलते उसे बैठाकर ही ट्रॉमा सेंटर लाया गया था. ऑपरेशन करना था काफी जटिल
एम्स ट्रॉमा सेंटर के जनरल सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. सुबोध कुमार ने बताया कि राजू का काफी रक्त बह गया था लेकिन अच्छी बात यह रही कि हादसे के बाद घटनास्थल पर लोगों ने रॉड को निकालने का प्रयास नहीं किया.डॉक्टरों ने बताया कि यदि वे ऐसा करते तो इससे राजू के भीतरी अंगों को नुकसान पहुंच सकता था. उन्होंने कहा कि रॉड शरीर के आर-पार हो जाने के चलते ऑपरेशन करना जटिल था. राजू को ऑपरेशन टेबल पर एक करवट पर लिटाकर डेढ़ घंटे तक सर्जरी की गई. सर्जरी के दौरान उसके पेट में बड़ा चीरा लगाकर पहले यह देखा गया कि किसी महत्वपूर्ण अंग को तो नुकसान नहीं पहुंचा है.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh