क्यों ऐसा होता है कि अचानक से लाखों के बीच में कोई आपको बहुत अच्छा लगने लगता है. जिसे देखकर आपका दिमाग और दिल एक साथ कहते हैं कि यही वो है जिसे आपके लिए बनाया गया है. आपको लगता है कि आपको प्यार हो गया है. क्या आपने कभी सोचा कि आखिर ऐसा क्यों होता है. हम आपको बताते हैं इसके साइंटिफिक रीजंस.


प्यार का एहसास करने में कोई हफ्ते महीने या साल नहीं लगते. यह खेल है महज कुछ मिनटों का. साइकोलॉजिस्ट्स बताते हैं कि प्यार सिर्फ 90 सेकेंड्स से 4 मिनट के बीच में ही हो जाता है. अगर आप सच में किसी से प्यार करना चाहते हैं तो बिना बात किए चार मिनट तक उसकी आंखों में देखें. चार मिनट के बाद आपका जवाब सामने होगा. रिसर्चर्स ने प्यार की तीन स्टेज बताई हैं. लस्ट, अट्रैक्शन और अटैचमेंट.Stage 1: lustयह अहसास गर्ल्स और बाव्यज़ दोनों में ही टेस्टोस्टेरोन और स्ट्रोजन हारमोन के एक्टिव होने की वजह से होता है.Stage 2: attraction


यह एक अमेजिंग समय होता है. जब आपका दुनिया और अपने आसपास की चीजों को देखने का नजरिया बदल जाता है. साइंटिस्ट्स का मानना है कि इसके लिए तीन मेन न्यूरोट्रांसमीटर्स एड्रेनलाइन, डोपामाइन और सेरोटोनिन इनवॉल्व होते हैं. इन न्यूरोट्रांसमीटर्स के एक्टिव होने पर आपका अट्रैक्शन अनजाने में ही किसी की तरफ होने लगता है. जिसे देखते ही अपने आप पसीने छूटने लगते हैं और दिल की धडक़नें बढ़ जाती हैं. अट्रैक्शन ही प्यार में बदल जाता है.Stage 3: attachment

अटैचमेंट वो बांड है जो कपल्स को लंबे समय तक जोड़े रखने का काम करता है. साइंटिस्ट्स का मानना है कि अटैचमेंट की फीलिंग के लिए दो हारमोंस ऑक्सिटोसिन और वेसोप्रेसिन इनवॉल्व होते हैं. हारमोन ही लांग टर्म कमिटमेंट के लिए रिस्पांसिबल होते हैं. आप किसी से प्यार भरे रिश्ते में जुड़ते हैं तो यह समझ लीजिएगा कि आपके हारमोंस और न्यूरोट्रांसमीटर्स प्रॉपर्ली वर्क कर रहे हैं.

Posted By: Surabhi Yadav