महाराष्‍ट्र में गठबंधन का फैसला फ‍िलहाल दीपावली तक के लिए टल गया है. जानकारी है कि बीजेपी विधाय‍क दल की बैठक अब दीपावली के बाद होगी. फ‍िलहाल सभी विधायकों को दीपावली मनाने के लिए घर भेज दिया गया है. इसके साथ ही यह भी खबर है कि सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और शिवसेना में पर्दे के पीछे बातचीत चल रही है. शिवसेना ने समर्थन के बदले उपमुख्‍यमंत्री गृहमंत्रालय वित्‍त पीडब्‍ल्‍यूडी और सिंचाई मंत्रालय की मांग की है.

बीजेपी ने की है 2:1 के फॉर्मूले की बात
हालांकि बीजेपी ने समर्थन को लेकर अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन खबर है कि शिवसेना 1995 के फॉर्मूले पर सरकार बनाना चाहती है. विधायक दल की बैठक टलने की वजह से राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा मंगलवार को भी मुंबई नहीं जा रहे हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि शिवसेना के फॉर्मूले से इतर बीजेपी ने 2:1 के फॉर्मूले की बात की है. बीजेपी का फॉर्मूला जीती गए सीटों के आधार पर है, वहीं शिवसेना चाहती है कि उसे उपमुख्यमंत्री, गृह मंत्रालय, वित्त, पीडब्लूडी, सिंचाई मंत्रालय दिया जाए.  
'हमें तैयार रहना होगा हर हालात के लिए'  
हालांकि इस बीच सोमवार शाम शिवसेना के सभी नव-निर्वाचित विधायकों के साथ उद्धव ठाकरे ने बैठक की. उन्होंने विधायकों को बताया कि बीजेपी की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं आया है. उद्धव ने विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों से ये भी साफ कर दिया कि हमें हर हालात के लिए तैयार रहना चाहिए. इससे पहले रविवार को चुनाव नतीजों के तुरंत बाद एनसीपी ने बीजेपी को बिना शर्त समर्थन की पेशकश की थी, जिस पर अब तक बीजेपी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. रविवार शाम ही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अगर बीजेपी को हमसे समर्थन चाहिए तो वे प्रस्ताव लेकर आएं.
क्यों नहीं पहुंचे राजनाथ और नड्डा मुंबई
नव-निर्वाचित विधायकों ने सोमवार को हुई विधायक दल की बैठक में सारे अधिकार पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को दे दिए हैं. अब उद्धव ठाकरे ही फैसला लेंगे, भले ही वह बीजेपी को समर्थन देने का हो या फिर विपक्ष में बैठने का. इस बीच मुंबई में सोमवार को बीजेपी विधायकों की भी बैठक हुई. इस बैठक में पर्यवेक्षक के तौर पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी महासचिव जेपी नड्डा को भी मुंबई पहुंचना था. दरअसल, राजनाथ सिंह के मुंबई ना पहुंचने की बड़ी वजह ये है कि बीजेपी पहले ये देखना चाहती है कि शिवसेना और एनसीपी खेमे में क्या हलचल है और दोनों पार्टियों से क्या पहल होती है. दूसरी वजह ये भी बताई जा रही है कि सोमवार को प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों को डिनर पर बुलाया था. इसमें शिवसेना के एकमात्र केंद्रीय मंत्री अनंत गीते भी मौजूद रहे.

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Posted By: Ruchi D Sharma