इस बीमारी का पता चलने के बाद 70 फीसदी मरीज एक साल भी नहीं जी पाते
डाइग्नोज होने के एक साल में 70 फीसदी मरीजों की मौतभारत में कैंसर और दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है, जिसमें देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में लंबे समय तक निवेश की जरूरत पर ध्यान देने की बात कही गई है. प्राइजवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) से जुड़ी हेल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से बुधवार को यहां जारी रिपोर्ट के मुताबिक, कैंसर का पता चलने के एक साल के भीतर ही इसके 70 फीसदी मरीजों की मृत्यु हो जाती है. रिपोर्ट से पता चलता है कि देश के शीर्ष 20 शहरों तक ही स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे केंद्रित हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार को एक बड़ी पूजी लंबे समय तक लगानी होगी.162,500 करोड़ रुपये निवेश की जरुरत
2017 तक देश में अनुमानित 6.5 लाख बिस्तरों की पूर्ति के लिए 162,500 करोड़ रुपये निवेश की जरुरत होगी. हेल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इंडिया स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास और नीतियां बनाने की दिशा में काम करती है. रिपोर्ट जारी करने के दौरान योजना आयोग की सदस्य सईदा हमीद के अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रतिनिधि सीके मिश्रा मौजूद थे.
दुनिया में टीबी से मरे 13 लाख लोगजेनेवा: क्षय रोग यानी टीबी ने वर्ष 2012 में करीब 13 लाख लोगों की जान ले ली. हालांकि, यह संख्या 2011 के मुकाबले एक लाख कम है. इनमें 26 फीसदी मौतें भारत में हुई थीं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2012 में 86 लाख लोग टीबी से ग्रसित हुए जिनमें 13 लाख को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. मरने वालों में 75 फीसदी अफ्रीका और दक्षिण पूïर्व एशिया से थे. भारत में करीब नौ लाख मरीजों को दवा तक मयस्सर नहीं हुई, जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 30 लाख के करीब पहुंच जाता है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि उसका लक्ष्य 2015 तक टीबी से होने वाली मौतों की संख्या को 1990 के मुकाबले 50 फीसदी तक कम करना है.