इंडिया के हाइली कांपिटीटिव स्मार्टफोन मार्केट में सैमसंग और माइक्रोमैक्स में कड़ी टक्कर चल रही थी. आखिरकार माइक्रोमैक्स ने सैमसंग को पीछे छोड़ दिया है और इंडिया का टॉप मोबाइल फोन वेंडर बन गया है. ये खुलासा इंडिपेंडेंट मार्केट रिसर्च एंड कंसल्टेंसी फर्म 'काउंटर प्वाइंट' ने किया है.

पहली बार सैमसंग हुई पीछे
रिसर्च फर्म काउंटर प्वाइंट की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 के दूसरे क्वार्टर में माइक्रोमैक्स के मार्केट शेयर में तेजी से बढ़त हुई है. इसके साथ ही माइक्रोमैक्स के हैंडसेट्स का शिपमेंट शेयर 16.6 फीसदी हो गया. जबकि सैमसंग का शिपमेंट शेयर 14.4 फीसदी ही रहा. यह पहली बार है जब किसी कंपनी ने सैमसंग कोपहली पोजीशन से हटाया है.
नोकिया तीसरे और कार्बन चौथे नंबर पर
माइक्रोमैक्स और सैमसंग के बाद तीसरे नंबर पर नोकिया है. इस के दूसरे क्वार्टर में नोकिया के हैंडसेट्स का शिपमेंट शेयर 10.9 फीसदी रहा. डोमेस्टिक कंपनी कार्बन का शिपमेंट शेयर 9.5 और लावा का 5.6 फीसदी रहा. लेकिन स्मार्टफोंस की शिपमेंट के मामले में सैमसंग अभी भी टॉप पर बना हुआ है. स्मार्टफोंस में सैमसंग का शिपमेंट शेयर 25.3 फीसदी है जबकि माइक्रोमैक्स का 19.1 फीसदी है. इसके बाद कार्बन, मोट्रोला और नोकिया का नंबर आता है. स्मार्टफोन शिपमेंट शेयर की रिपोर्ट 'कैनालाइस' नाम की मार्केट रिसर्च एजेंसी ने दी है.

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Posted By: Shweta Mishra