80 हजार करोड़ रुपये की रक्षा परियोजनाओं को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. खबर है कि इनमें सबसे बड़ा फैसला पनडुब्बियों को लेकर है. इस क्रम में सरकार ने तय किया है कि 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से छह पनडुब्बियों का निर्माण स्‍वदेशी स्‍तर पर किया जाएगा. इतना ही नहीं अमेरिका से जेवलिन मिसाइलें अब नहीं खरीदी जाएंगी बल्कि इसके बदले इजरायल से 8356 टैंक रोधी स्‍पाइक मिसाइलों को खरीदा जाएगा. नेवी के लिए 12 डोरनियर निगरानी विमान भी खरीदे जाएंगे.

'जल्द से जल्द किया जाएगा सभी बाधाओं का निराकरण'
शनिवार को रक्षा मंत्री अरुण जेटली के नेतृत्व में रक्षा खरीद परिषद की बैठक दो घंटे तक चली. बैठक में रक्षा सचिव, तीनों सेना प्रमुख और डीआरडीओ प्रमुख भी शामिल थे. यहां इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि बड़े रक्षा फैसले नौसेना को ध्यान में रखते हुए ही लिए गए हैं. नौसेना लंबे वक्त से आधुनिकीकरण की कमी को महसूस कर रही है. इस बैठक में जेटली ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता का विषय है. खरीद प्रक्रिया बाधित न हो इसके लिए सभी बाधाओं का निराकरण जल्द से जल्द ही किया जाएगा.
 
अपने ही देश में बनाई जाएंगी छह पनडुब्बियां
सरकार की ओर से यह भी फैसला लिया गया है कि बाहर से खरीदने के बजाय अब 50 हजार करोड़ रुपए की लागत से देश में ही छह पनडुब्बियों का निर्माण किया जाएगा. ये पनडुब्बियां एयर इंडिपेंडेंट संचालन क्षमता से लैस होंगी. इसके साथ ही ये ज्यादा समय तक पानी के अंदर रह सकेंगी. इनमें क्रूज मिसाइलें भी लगेंगी. साथ ही रफ्तार भी इसकी पहले से तेज होगी. नौसेना के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए विशेषज्ञ टीम भी बनेगी, जो देश के सभी शिपयार्ड का दौरा करेगी और परियोजना के लिए सक्षम शिपयार्डों का चुनाव करेगी.
 
इजरायल से खरीदी जाएंगी 8,356 टैंकरोधी स्पाइक मिसाइलें
थलसेना के लिए भी जेवलिन मिसाइल अब अमेरिका से नहीं खरीदी जाएंगी. इसके बजाए इजरायल से 8,356 टैंकरोधी स्पाइक मिसाइलों को खरीदा जाएगा. साथ ही 321 लॉन्चर भी खरीदे जाएंगे. यह सौदा 3200 करोड़ रुपए का होगा. वहीं 662 करोड़ रुपए से मेडक के आयुध कारखाने से 36 इन्फैंट्री वाहन, सैन्य ट्रांसपोर्ट के लिए 740 करोड़ रुपये से 1768 वैगन भी खरीदे जाएंगे. इसके अलावा 662 करोड़ रुपये रेडियो रिले कंटेनर और 1800 करोड़ रुपये मूल्य के बीएमपी 2 वाहन खरीदने की परियोजना को भी मंजूरी दे दी गई है. नेवी के लिए भी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स 12 डोरनियर निगरानी विमान भी खरीदेगा. इनमें डीआरडीओ के उन्नत सेंसर लगेंगे. इस सौदे की लागत 1850 करोड़ रुपये होगी.

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Posted By: Ruchi D Sharma