हर महीने बढ़ते रहेंगे डीजल के दाम
सब्सिडी घटाने पर जोर दे रही है नई सरकारइंडियन ऑयल के सीएमडी आर.एस. बुटोला का मानना है कि नई सरकार सब्सिडी कटौती पर जोर दे रही है. उम्मीद है कि कच्चे तेल के दाम घटने से डीजल का घाटा कम होगा. इससे ऑयल कंपनियों को एक-दो महीने में तेल के दाम तय करने की पूरी छूट दी जा सकती है. बुटोला का कहना है कि हर महीने डीजल के दाम में बढ़ोत्तरी का फैसला सही साबित हुआ है. इससे तेल कंपनियों की स्थिति बेहतर हो जाएगी. नई सरकार का जो भी फैसला होगा, हम मानेंगे लेकिन मुझे नहीं लगता कि दाम बढ़ाने के इस फैसले को बदलने की जरूरत है.रुपये की मजबूती भी है अच्छा संकेत
पिछली यूपीए सरकार ने 2013 में डीजल की कीमतों में हर माह में 50 पैसों की बढ़ोत्तरी करने का फैसला किया था जब तक कि ऑयल कंपनियों का घाटा पूरा न हो जाए. उस समय डीजल कंपनियों को 12 रुपये प्रति लीटर का घाटा हो रहा था. लेकिन पिछले दो महीनों से रुपये की मजबूती से उम्मीद का माहौल बना है. पिछले माह डीजल कंपनियों को होने वाला घाटा 3.40 रुपये प्रति लीटर का रह गया. बुटोला के मुताबिक दाम में बढ़ोत्तरी के बाद 2013 में डीजल कंपनियों को होने वाले घाटे में 45,000 करोड़ रुपये की कम हुई है.डीजल के दाम बढ़ने से मंहगाई नहीं बढ़ती!बुटोला का मानना है कि यह धारणा गलत साबित हुई है कि डीजल के दाम बढ़ने से मंहगाई बढ़ती है. अगर दाम नहीं बढ़ाया जाता तो इसका बोझ सरकारी खजाने पर ही पड़ता. डीजल के दाम बढ़ने से देश की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी इंडियन ऑयल के घाटे में भी कमी हुई है. कंपनी का नेट प्रॉफिट साल 2013-14 में 40 फीसदी की बढ़त के साथ 7019 करोड़ रुपये हो गया.