मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी ने अपने ऊपर चलाए जा रहे मुक़दमे के दौरान यह साफ़ कर दिया वो झुकने तैयार नहीं है.


मोहम्मद मोरसी के ऊपर साल 2011 में हिरासत से भाग जाने का मुकदमा चला रहा है. मोरसी को अदालत में पेश करने के लिए हेलिकॉप्टर से काहिरा लाया गया. मोरसी अलेक्ज़ेंड्रिया की एक जेल में बंद थे.मुक़दमे की सुनवाई के दौरान एक जालीदार साउंड प्रूफ कटघरे में साफ़ तौर पर गुस्से में दिख रहे मोरसी चिल्लाये "मैं इस गणराज्य का राष्ट्रपति हूँ, मुझे कैसे हफ़्तों दड़बे में रखा जा सकता है."मुक़दमे की सुनवाई के दौरान मोरसी ने चीख़ कर कहा " तुम हो कौन. तुम जानते हो मैं कौन हूँ."अदालत का संचालन कर रहे जज ने उत्तर दिया" मैं मिस्र की आपराधिक मामलों की अदालत का एक जज हूँ."


मिस्र के पहले जनतांत्रिक तरीके से चुने हुए राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी को साल 2013 में सेना ने हटा दिया था. सेना की कार्रवाई के पहले देश भर में मोरसी की सरकार के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे थे.मोरसी के ख़िलाफ़ अलग-अलग मामलों में चार आपराधिक मुक़दमे चल रहे हैं.अंदर का दृश्यमोरसी और उनकी तरह ही अन्य राजनीतिक बंदियों को भी कांच के साउंडप्रूफ़ कटघरों में मुकदमे का सामना करने के लिए लाया गया.

मोरसी हों या अन्य कैदी उन्हें अदालत में बोलने के लिए पहले हाथ उठा कर इजाज़त लेना होता है.

मोरसी को अदालत में अन्य कैदियों से अलग कठघरे में रखा गया था.मोरसी पर मुकदमा चलाने के लिए देश की राजधानी काहिरा में मौजूद एक पुलिस ट्रेनिंग के भीतर अदालत लगाई गई है.अदालत के बाहर कड़ी सुरक्षा के इंतज़ाम किये गए थे. मुख्य परिसर के काफ़ी दूर से रास्ते को काँटेदार तारों, बख्तरबंद गाड़ियों से बंद कर दिया गया था और चप्पे चप्पे पर बंदूकधारी तैनात थे.अदालत के बाहर मोरसी का कोई समर्थक मौजूद नहीं था अलबत्ता जनरल सीसी के समर्थक ज़रूर उपस्थित थे.एक तरफ तो मिस्र में सेना अध्यक्ष जनरल अब्दुल फ़तह अल सीसी के राष्ट्रपति बनने के तेज़ी से रास्ता साफ़ होता दिख रहा है दूसरी तरफ स्थानीय मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार मंगलवार को ही जनरल मोहम्मद सईद नाम के एक सरकारी अधिकारी की गोली मार कर ह्त्या कर दी गई.राजधानी काहिरा ही में एक अन्य घटना में एक चर्च के बाहर पहरा दे रहे एक पुलिसवाले को भी मार डाला जबकी एक अन्य अज्ञात हमलावरों की गोलियों का निशाना बन कर बुरी तरह घायल हो गया.मिस्र में चारों तरह हिंसक चरमपंथी हमले तेज़ी से बढ़ रहे हैं.

Posted By: Subhesh Sharma