पेट्रोलियम मंत्रालय ने 8183 करोड़ रुपये से अधिक की नगद सब्सिडी मांगी है ताकि आईओसी जैसी खुदरा कंपनियों को सितंबर की तिमाही में डीजल और रसोई ईंधन की बिक्री से हुये एक तिहाई नुकसान की भरपाई की जा सके.


गैस उत्पादों में ज्यादा नुकसानइंडियन ऑयल (आईओसी), भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीउल) को जुलाई से सितंबर की तिमाही में करीब 24,563 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ. सूत्रों के मुताबिक इसमें से उतखनन तेल एवं गैस उत्पादों- ओएनजीसी, ऑयल इंडिया लिमिटेड और गेल इंडिया लिमिटेड करीब 16,379.55 करोड़ रुपये की भरपाई करेंगी और शेष 8,183.33 करोड़ रुपये नकद सब्सिडी के तौर पर सरकार से मांगा जा रहा है. सब्सिडी से होता भरपाई का नुकसान


ईंधन विक्रेताओं ने सरकार नियंत्रित दरों पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसीन की बिक्री की जो दूसरी तिमाही में बाजार मूल्य से कम थी. इसलिये जो नुकसान उन्हें होता है उसकी भरपाई सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली नकद सब्सिडी और ओएनजीसी जैसी उत्खनन कंपनियों की सहायता से होती है. उत्खनन कंपनियों में तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएजीसी) 13,641.25 करोड़ रुपये, ओआईएल 2,238.30 करोड़ रुपये और गेल 500 करोड़ प्रदान करेगी. गेल ने बिना सब्सिडी भुगतान का आंकलन किये दूसरी तिमाही के नतीजे की घोषणा की है और अब इसे समायोजित करना पड़ेगा. आईओसी को उत्खनन कंपनियों से 9,097.81 रुपये, एचपीसीएल को 3,750.95 करोड़ रुपये और बीपीसीएल को 3,530.79 करोड़ रुपये मिलेंगे. 11,000 करोड़ रुपये सब्सिडी मिली

अप्रैल से जून की तिमाही में तीनों ईंधन खुदरा विक्रेताओं को डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसीन पर कुल मिलाकर 28,690.74 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इसमें से 15,546.65 करोड़ रुपये या 54 परसेंट की भरपाई उत्खनन कंपनियों ने की और शेष 11,000 करोड़ रुपये की नकद सब्सिडी सरकार द्वारा दी गई.   Hindi News from Business News Desk

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari