सिविल एविएशन पर कैग की हाल की रिपोर्ट के बेसिस पर कमेटी आफीशिअल्श की खिंचाई की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि डेब्ट के जरिए 111 विमानों के एक्युश्जन का डिशीजन ‘आ बैल मुझे मार’ की हालत थी और सरकार में इस मामले को लेकर केयरफुल होना चाहिए था.


भारी कर्ज के समय एयर इंडिया के विलय एवं एअरक्राफ्ट्स के एक्युजिशन को लेकर सवाल उठाते हुए संसद की पब्लिक अकाउंट कमेटी (पीएसी) ने इस एविएशन कंपनी से एक वीक के भीतर मामले से जुड़े सभी डाक्यूमेंट्स जमा करने को कहा है. एयर इंडिया और एक्स इंडियन एयरलाइंस के टाप आफीशिअल्श को पीएसी के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा. कमेटी ने बैड पैसेंजर सर्विस को लेकर भी उनकी खिंचाई की. सिविल एविएशन पर कैग की हाल की रिपोर्ट के बेसिस पर कमेटी आफीशिअल्श की खिंचाई की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि डेब्ट के जरिए 111 विमानों के एक्युश्जन का डिशीजन ‘आ बैल मुझे मार’ की हालत थी और सरकार में इस मामले को लेकर केयरफुल होना चाहिए था.
एयर इंडिया के आफीशिअल्श ने पीएसी से कहा कि दोनों कंपनियों के विलय का विचार उनका था. ‘ओपेन स्काइज पालिसी’ से एविएशन फील्ड में बढ़ते कंपटीशन को देखते हुए यह डिशीजन किया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि उस समय जो एयरक्राफ्ट थे, वे पुराने हो चुके थे, अत: उन्होंने नए एअरक्राफ्ट्स खरीदने का निर्णय किया. उनका यह मानना था कि विलय से नए माहौल में उन्हें कंपटीशन के मामले में मजबूती मिलेगी.


एक मेंबर ने बताया, ‘‘आफीशिअल्श से विलय एवं विमानों के एक्युजिशन से जुड़े डाक्यूमेंट्स कमेटी को अवेलबल कराने को कहा गया है.’’पचास एअरक्राफ्ट खरीदने की प्लानिंग को लेकर भी आफीशिअल्श से सवाल पूछे गए. इसे हाल ही में सरकार से मंजूरी मिली है जबकि पहले 18 एक्स्ट्रा एअरक्राफ्ट खरीदने का भी प्लान था लेकिन छह साल बाद भी उसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका.

Posted By: Divyanshu Bhard