Kanpur: गोल्ड परचेजिंग पर पैन कार्ड को अनिवार्य करने का ज्वेलर्स ने किया विरोध. ज्वेलरी मार्केट के बिजनेस पर असर पडऩा तय ब्लैक-मनी के फ्लो पर लगेगी रोक


काफी टेंशन में हैंआने वाले समय में 5 लाख रुपए से ज्यादा कीमत की गोल्ड ज्वेलरी की खरीद पर कस्टमर्स को अपना पैन कार्ड देना होगा। इस खबर के बाद बिजनेसमैन पवन कुमार काफी टेंशन में हैं। दरअसल, पवन की बेटी की शादी मार्च में शिड्यूल है। पवन अकेले नहीं हैं जो आरबीआई के इस फैसले से खफा हैं। सिटी के ज्वेलर्स भी इस बात का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। दूसरी ओर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानि गोल्ड ईटीएफ को बढ़ावा दिये जाने की खबर से यूपी स्टॉक एक्सचेंज में खुशी का माहौल है। शेयर ब्रोकर्स के अनुसार फिजिकल गोल्ड के कम्पेरिजन में ईटीएफ काफी सेफ ऑप्शन है। मिलेगा बड़ा झटका


आरबीआई की एक कमेटी की इस रिकमेंडेशन का कानपुर की ज्वेलरी मार्केट में जबर्दस्त विरोध हो रहा है। ऐसा होना लाजमी भी है, क्योंकि आज की डेट में भी ज्यादातर लोगों के पास पैन कार्ड नहीं है। दूसरा, गोल्ड की कीमतें इतनी ज्यादा बढ़ गई हैं कि 5 लाख रुपए में महज 15-16 तोला सोने की ज्वेलरी ही खरीदी जा सकती है। सिटी ज्वेलर्स के अनुसार कमेटी के इस फैसले से बिजनेस को जबर्दस्त नुकसान होगा। क्योंकि पैन कार्ड नहीं होने की दशा में ज्वेलरी बेची नहीं जा सकेगी। ऐसे में कस्टमर्स को वापस भेजने के अलावा दूसरा ऑप्शन ही नहीं होगा। अखिल भारतीय स्वर्णकार विकास परिषद के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र जायसवाल के अनुसार एक दिन में 25 किलो सोना और 50 किलो चांदी की बिक्री होती है। मगर, पैन कार्ड के कंपलशन से बिजनेस में गिरावट आयेगी। सिक्योरिटी की 100 परसेंट गारंटी फिजिकल गोल्ड के कम्पैरिजन में गोल्ड ईटीएफ का इनवेस्टमेंट काफी सेफ है। दूसरा, ईटीएफ में इनवेस्टमेंट से रिटर्न भी काफी अच्छे हैं। यूपीएसई ब्रोकर्स एसोसिएशन मेम्बर रमाकांत अवस्थी ने बताया कि पिछले 10 सालों से शेयर मार्केट से करीब 16 गोल्ड ईटीएफ कम्पनियां लिस्टेड हैं। इनमें गोल्ड बीज, रिलायंस गोल्ड, कोटेक गोल्ड का बिजनेस वॉल्यूम तो काफी तगड़ा है। खास बात ये है कि इन सब कम्पनियों ने अब तक इनवेस्टर्स को काफी बेहतर रिटर्न दिए हैं। इसलिए गोल्ड ईटीएफ में इनवेस्टमेंट सुरक्षित होने के साथ ही साथ बेहतर रिटर्न की पॉसिबिलिटीज ज्यादा होती हैं। तीन कैटेगरी, कीमतें भी अलग

मार्केट में गोल्ड तीन तरह से खरीदा जा सकता है। पहला फिजिकल, दूसरा कमोडिटी और तीसरा ईटीएफ के जरिए। आपको जानकर शायद हैरानी हो, लेकिन इन तीनों ही कैटेगरीज में गोल्ड की कीमतें अलग-अलग होती हैं। मतलब, ज्वेलरी मार्केट से अगर आप 10 ग्राम गोल्ड ज्वेलरी 31,000 रुपए में खरीदते हैं। तो कमोडिटी मार्केट (वायदा बाजार) में यही 10 ग्राम सोना आपको 30,000 रुपए में अवेलेबल हो जाएगा। जबकि गोल्ड ईटीएफ में इतना ही गोल्ड बतौर ईटीएफ शायद 28,800 में ही मिल जाए। अलग-अलग है टैक्सेस ये पढक़र यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर तीनों ही कैटेगरीज में कीमतों में इतना डिफरेंस कैसे है? शेयर एक्सपट्र्स सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स को इसकी प्रमुख मानते हैं। दरअसल, फिजिकल गोल्ड ज्वेलरी की मैन्युफेक्चरिंग पर 12.20 एसटीटी चार्ज किया जाता है। जबकि ईटीएफ या वायदा कारोबार से इसका दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं होता। इसीलिए तीनों ही कैटेगरीज में गोल्ड के प्राइसेस अलग-अलग होते हैं। तो 29,000 में मिलता सोना

सोने की कीमतें इसलिए भी आसमान छू रही हैं क्योंकि इंडिया में गोल्ड की इम्पोर्ट ड्यूटी काफी ज्यादा है। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन के रीजनल चेयरमैन श्रेयांश कपूर के मुताबिक आज इम्पोर्ट ड्यूटी 6 परसेंट प्रति 10 ग्राम है। इसीलिए आज कानपुर में 10 ग्राम सोने की कीमत 31,000 रुपए है। अगर ड्यूटी चार्जेज जीरो हो जायें तो इतना ही गोल्ड करीब 29,000 रुपए में खरीदा जा सकता है। बताते चलें कि पिछले कुछ सालों में इम्पोर्ट ड्यूटी महज 2 परसेंट थी। बाद में इसे 4 और फिर बढ़ाकर 6 परसेंट कर दिया गया। पहनने की चीज नहीं सोना पहनने की चीज नहीं रह गई। अब टाइम इसके इनवेस्टमेंट का है। दो साल पहले गोल्ड ईटीएफ के चेयरमैन ने यूपी स्टॉक एक्सचेंज में यह स्टेटमेंट दिया था। तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि इन-फ्यूचर फिजिकल गोल्ड खरीदने के लिए पैन कार्ड की जरूरत पड़ेगी। साथ ही इनकम टैक्स के दायरे में भी इसे कंसीडर किया जाएगा। पैन कार्ड भी नहीं आज भी कई लोग ऐसे हैं, जिनके पास पैन कार्ड नहीं है या उन्हें पैन कार्ड की जरूरत ही नहीं है। मगर, मैरिज फंक्शन के लिए जब ज्वेलरी खरीदने की बात आती है तो महंगाई की वजह से परचेजिंग की टोटल कॉस्ट बढक़र पांच लाख से ज्यादा हो जाती है। ज्वेलर्स के अनुसार रूरल एरिया से आने वाले लोग (स्पेशली किसानों) के पास पैन कार्ड नहीं होता। वो अपने साथ हार्ड कैश ही लाते हैं। जो उनके जीवन भर की पूंजी होती है। उनकी खरीद कभी-कभी पांच लाख से ज्यादा की होती है। पैन कार्ड नहीं होने की दशा में उन्हें भी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
"पैन कार्ड को मेंडेटरी किये जाने से बिजनेस काफी प्रभावित होगा। पैन कार्ड नहीं होने की कंडीशन में हमें कस्टमर को वापस भेजना पड़ेगा। फिर चाहे हम उसे कितनी ही अच्छी तरह न जानते हों."- श्रेयांश कपूर, रीजनल चेयरमैन, जीजेएफ "फिजिकल गोल्ड के कम्पेरिजन में पेपर इनवेस्टमेंट काफी सेफ एंड सिक्योर ऑप्शन है। पिछले कुछ सालों में रिटर्न भी काफी बेहतर मिले हैं। इसलिए आरबीआई का डिसीजन अप्रीशिएटिंग है." - रमाकांत अवस्थी, मेम्बर, यूपीएससी ब्रोकर्स एसोसिएशन "एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को बढ़ावा देना अच्छी बात है, लेकिन फिजिकल गोल्ड की खरीद पर पैन कार्ड मेंडेटरी किया जाना समझ से परे है." - राहुल"मुझे लगता है कि आरबीआई कमेटी को अपनी रिकमेंडेशन्स को एक बार फिर से रिव्यू करने की जरूरत है। कस्टमर्स के हित किसी तरह से प्रभावित नहीं होने चाहिए."- विकास

Posted By: Inextlive