-बिजली विभाग का प्रवर्तन दल स्मार्ट मीटर लगवाने का कंज्यूमर्स पर डाल रहा है प्रेशर

- स्मार्ट मीटर की टेक्निकल दिक्कतों की रिपोर्ट के बाद कंज्यूमर मीटर बदलवाने को नहीं हैं तैयार

-बिजली विभाग के स्मार्ट मीटर में शिकायतों की भरमार

केस-1

पिछले महीने लहरतारा निवासी श्याम चंद्र के घर ईईएसएल कर्मचारी जब स्मार्ट मीटर लगाने पहुंचे तो उन्होंने इसका विरोध किया। कर्मचारी के समझाने के बाद भी वे नहीं माने। जब आला अफसर पहुंचे तब जाकर स्मार्ट मीटर लग पाया।

केस-2

पिछले सप्ताह खोजवां निवासी विनोद केशरी के घर लगे डिजिटल मीटर की जगह स्मार्ट मीटर लगाने कर्मचारी पहुंचे। यहां भी इसे खराब मीटर कहकर लगाने से इनकार किया गया। विनोद का कहना था कि विभाग के लोग जबरदस्ती मीटर लगाने का दबाव बना रहे हैं।

केस-3

सारनाथ निवासी सुरेन्द्र सिंह ने अपने घर में लगे डिजिटल मीटर को चेंज कर स्मार्ट मीटर लगाने का जमकर विरोध किाय। जिस पर वहां पुलिस बुलाने की धमकी दी गई। अधिकारियों ने सुरेन्द्र को काफी समझाया तब जाकर कहीं मीटर लग पाया।

ये तो सिर्फ तीन केस बताने के लिए हैं कि स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर कितना बवाल हो रहा है। शहर में ऐसे न जाने कितने बिजली उपभोक्ता हैं जो स्मार्ट मीटर से तौबा कर रहे हैं। लेकिन स्मार्ट मीटर लगाने की जिम्मेदारी जिस कार्यदायी एजेंसी को दी गई है, वे अब कंज्यूमर को दबाव बनाकर मीटर लगवा रही है। यहीं नहीं मीटर नहीं लगवाने पर विभाग बिजली कनेक्शन काटने की चेतावनी दे रहा है। जिससे कंज्यूमर्स दबाव में हैं। सिटी में 3.60 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का टारगेट है जबकि अभी तक 1.50 लाख उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लग पाया है।

इसलिए स्मार्ट का हो रहा विरोध

स्मार्ट मीटर में कई जगह तमाम गड़बड़ी सामने आयी। कहीं यादा बिल तो कहीं फास्ट रीडिंग की समस्या कंज्यूमर की जेब पर डाका डाल रही है। यही वजह है कि अब कंज्यूमर इस मीटर को लगाने से तौबा कर रहे हैं। इधर अधिकारियों का कहना है कि उपभोक्ताओं की कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी, उन्हें हर हाल में यह मीटर लगवाना ही होगा। नहीं तो कनेक्शन काटा जा सकता है।

परिषद मान चुका है दिक्कत

विद्युत उपभोक्ता परिषद भी मान चुका है कि प्रदेश में जिन जिलों में स्मार्ट मीटर लगा है वहां गड़बड़ी आई है। अब तक लगभग 2600 से ज्यादा उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर में भार कई गुना तक जम्प कर गया है। जिससे सैकड़ों रुपये का बिल हजारों में आया है। परिषद की ओर से कराई गई जांच में सिर्फ बनारस में एक हजार से ज्यादा मीटर में भार जंप का मामला आया है। परिषद ने पूरे मामले को लेकर निदेशक वाणिज्य पावर कॉरपोरेशन व निदेशक वाणिज्य को भी इसकी जानकारी दी है।

हजारों शिकायतें हुई दर्ज

पिछले डेढ़ साल में शहर में करीब 1.5 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। मगर हैरानी की बात ये है कि इनमें 40 हजार से ज्यादा कंज्यूमर्स ने मीटर गड़बड़ होने की शिकायतें दर्ज कराई। अभी भी जहां-जहां ये मीटर लगाए गए हैं कहीं भी कोई संतुष्ट नहीं है। हर किसी की एक ही शिकायत है कि मीटर फास्ट है।

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एक नजर में

3.60 लाख स्मार्ट मीटर शहर में लगाने का लक्ष्य

1.50 लाख स्मार्ट मीटर पूरे शहर में लगाए गए

40 हजार बिल व स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी की शिकायत

30 हजार शिकायत पीवीवीएनएल के पास

10 हजार शिकायतें आई 1912 पर

स्मार्ट मीटर से परेशान उपभोक्ताओं की समस्या दूर हो रही है। रही बात दबाव बनाने की तो ऐसा नहीं है कंज्यूमर्स को समझाया जा रहा है। मीटर में जो भी गड़बड़ी थी, उसे दूर कर ली गई है। अब इसे न लगाने का कोई बहाना नहीं चलेगा।

विजय पाल, एसई, फ‌र्स्ट-पीवीवीएनएल

Posted By: Inextlive