देश भर में स्‍टेट बैंक आफ इंण्‍िडया के कर्मचारी वेतन बढ़ाने की मांग न पूरी होने के विरोध में बुधवार को हड़ताल पर रहेंगे. इनके साथ्‍ा ही सार्वजनिक क्षेत्रों की बैंकों में कल कामकाज पूरी तरह से ठप रहेगा. कर्मचारियों का आरोप है मांगे कम कर दिए जाने के बाद भी बैंक प्रबंधन अपने पुराने रुख पर अड़ा है.


कल से वेतन में होनी है वृद्धि


यूनाइटेड फोरम और बैंक यूनियंस और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक के संयोजक एमवी मुरली का कहना है कि कल बैंक कर्मचारियों के हित में इंण्िडयन बैंक एसोसिएशन कोई बात मानने को तैयार नहीं है. आईबीए 11 फीसदी बढ़ोत्तरी की पुरानी पेशकश की जिद पर अड़ा है. इस संबंध में नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने बताया कि यूनियन ने अपनी मांगों को पहले से भी कम कर दिया है. पहले वेतन बढ़ोत्त्ारी में 25 फीसदी बढ़ोत्तरी की मांग की गई थी लेकिन बाद में उन्हें कम करके 23 फीसदी कर दिया है. फिर भी आईबीए बिल्कुल मानने को तैयार नहीं है. गौरतलब है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि नवंबर 2012 से होनी है. यूएफबीयू नौ बैंक कर्मचारी और अधिकारी यूनियनों का मंच है. देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंक हैं, जिसमें करीब 8 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं.

पिछली हड़ताल रही बेनतीजा


बैंक वर्कर्स का कहना है कि बैंक प्रबंधन कर्मचारियों के हित में अपनी राय नहीं बदल रहा है. ऐसे में मजबूरी में 12 नंवबर को देशव्यापी की अपील की गई. जिससे कल सामान्य तौर पर बैकों का कामकाज प्रभावित होगा और खाताधारकों को काफी असुविधा भी होगी. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई समेत अन्य सभी बैंकों ने अपने ग्राहकों को बुधवार को होने वाली असुविधा के बारे में सूचना दे दी है. ऑल इंडिया बैंक इंप्लायज एसोसिएशन के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष बैठक का कोई हल न निकलने से यूनियनों से हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है. इससे पहले, आईबीए के साथ बातचीत विफल होने पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारी 10 फरवरी से दो दिन की हड़ताल पर जा चुके हैं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh