भारत में नई सरकार बनने के बाद पहली बार आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पास दोनों मुल्कों के पुराने रिश्तों को नई ऊंचाई देने के लिए कई प्रस्ताव है. पुतिन आज मोदी से 11.30 मिलेंगे. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान के तहत साझा उत्पादन के प्रस्तावों के साथ ही संयुक्त रणनीतिक परियोजनाओं की फेहरिस्त शामिल है. इसके दौरान दोनों नेता राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में विश्व डायमंड कांफ्रेंस का उद्घाटन करेंगे.


हस्ताक्षर की उम्मीदपुतिन की प्रधानमंत्री मोदी से आज सुबह 11.30 पर मुलाकात होगी. पुतिन और मोदी की इस मुलाकात पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं. प्रतिनिधिमंडल स्तर पर वार्ता के बाद दोनों नेताओं की मौजूदगी में करीब पौने तीन बजे द्विपक्षीय समझौतों पर दस्तखत किए जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों में 15-20 समझौतों पर हस्ताक्षर की उम्मीद है. पश्चिमी मुल्कों के आर्थिक प्रतिबंधों के बीच विदेश नीति की बिसात पर आक्रामक पैंतरे चल रहे पुतिन लंबे-चौड़े कारोबारी एजेंडे के साथ आ रहे हैं. सो, रूसी राष्ट्रपति अपने एक दिनी दौरे में भारतीय उद्योग जगत के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से भी मिलेंगे.शामिल हैं व्यापक एजेंडे
भारत यात्रा से पहले एक साक्षात्कार में पुतिन ने भारत-रूस संबंधों में आपसी तालमेल को बेहतरीन बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी के साथ वार्ता से ठोस नतीजों की उम्मीद जताई. वार्ता के व्यापक एजेंडे की बानगी देते हुए रूसी राष्ट्रपति ने नागरिक इस्तेमाल के लिए नाभिकीय सहयोग, अंतरिक्ष तकनीक, हाइड्रोकार्बन, नए विमानों की आपूर्ति और हेलीकॉप्टर उत्पादन से सिंथेटिक रबर उत्पादन तक अनेक विषय गिनाए. रूस जहां हीरों का सबसे बड़ा उत्पादक है, वहीं भारत हीरा प्रसंस्करण का सबसे बड़ा केंद्र है.सहयोग के बिंदु


* मोदी-पुतिन वार्ता में असैनिक परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में रूसी सहयोग पर साझा रणनीतिक नजरिया पेश किया जाएगा. रूस भारत में 25 नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र लगाने में सक्षम है.* भारतीय बाजार में सुखोई सुपर जेट-100 और एमएस-21 विमान उतारने की तैयारी.* रूसी नेविगेशन सेटेलाइट ग्लोनास आधारित आर्थिक परियोजनाएं.* कामोव-226 हेलीकॉप्टर की आपूर्ति व साझा उत्पादन की संभावना ट्रैक्टर उत्पादन.* रूसी सहयोग से भारत में औद्योगिक नगर व स्मार्ट सिटी बनाना.* उत्तरी साइबेरिया के तेल-गैस क्षेत्र में रूसी गाज़प्रोम और ओएनजीसी विदेश लिमिटेड के बीच सहयोग.* भारत को रूस से 30-50 लाख टन तेल आपूर्ति का प्रस्ताव.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh