आगामी 2015.2016 के रेल बजट में पर्यावरण हित में कुछ खास बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इस बार ट्रेनों में पर्यावरण के अनुकूल वैक्यूम टॉयलेट लगाने और वर्तमान शौचालयों के डिजाइन में परिवर्तन करने जैसे कुछ प्रस्‍ताव हो सकते हैं. इसके अलावा रेल मंत्रालय की देश भर में रेल प्रणाली में पानी का ऑडिट करने की व्यापक योजना का ऐलान करने की संभावना है.

एक चौथाई कम पानी लगता
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 2015 में पेश होने वाले रेल बजट में स्टेशनों और ट्रेनों में जल प्रबंधन के लिए उपायों की एक ठोस योजना शामिल होगी. इसके साथ ही देश भर में रेल प्रणाली में पानी का ऑडिट करने की व्यापक योजना का भी ऐलान करेगा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रेल मंत्री इस परिवहन प्रणाली में पर्यावरण अनुकूल गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहते हैं.  इसीलिए वैक्यूम टॉयलेट को बढाया जाएगा. वैक्यूम टॉयलेट में वर्तमान शौचालयों की तुलना में एक चौथाई कम पानी लगता है इसलिए रेलवे कुछ चुनिंदा ट्रेनों में इनका उपयोग करना चाहता है. इन वैक्यूम टॉयलेट्स में पानी का न्यूनतम उपयोग किया जाता है और मानव अपशिष्ट को हवा द्वारा खींचा जाता है.

रेलवे पटरियां खराब नहीं होंगी
बजट प्रस्तावों में यात्री सुविधाओं में सुधार पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जा रहा है. वर्तमान शौचालयों के डिजाइन में परिवर्तन से इनका उपयोग करना और आसान हो जाएगा. सबसे खास बात तो यह है कि इन शौचालयों के उपयोग से रेलवे पटरियां खराब नहीं होंगी क्योंकि ऐसे शौचालय पटरियों पर अपशिष्ट का प्रवाह रोकते हैं. वहीं ट्रेनों के अलावा रेलवे की योजना स्टेशनों पर भी जैव शौचालय लगाने की है. हालांकि अभी यह प्लान दिल्ली, चंडीगढ़ शताब्दी एक्सप्रेस में प्रायोगिक आधार पर 80 वैक्यूम टॉयलेट लगाने की योजना है. अगर यह सफल होते हैं तो रेलवे इन्हें वृहद रूप से लागू करेगा.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh