फूड इंफ्लेशन ने बढ़ाई रिटेल मंहगाई
मिनिस्ट्री ऑफ लेबर ने जारी किया बयान
मिनिस्ट्री ऑफ लेबर के एक स्टेटमेंट के मुताबिक जुलाई का कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स-इंडस्ट्रियल वर्कर (सीपीआई-आईडब्ल्यू) पर बेस्ड इंफ्लेशन जुलाई में 7.23 फीसदी रहा. जो इससे पिछले महीने में 6.49 फीसदी था. एक साल पहले जुलाई में यह 10.85 फीसदी बढ़ा था. फूड इंफ्लेशन इस महीने में 8.11 फीसदी रही जबकि जून में यह 5.88 फीसदी थी. वहीं 2013 के जुलाई महीने में यह 14.10 फीसदी थी.
फूड इंफ्लेशन का हुआ असर
इंडेक्स में जो बदलाव हुआ, उसमें सबसे ज्यादा फूड इंफ्लेशन (4.42 फीसदी) और मकान किराया के इंडेक्स (1.08 फीसदी) रहा. सामानों की बातच की जाए तो चावल, अंडा, दूध, प्याज, हरी मिर्च, टमाटर, आलू और दूसरी सब्जियों और फलों, चीनी, चाय, डॉक्टर फीस, कालेज फीस, पेट्रोल और रेल किराया में बढ़ोतरी से इंडेक्स बढ़ा. हालांकि गेहूं, दवा आदि के सस्ता होने से रिटेल इंफ्लेशन पर असर पड़ा.
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