देश में सबसे बेहतरीन मेडिकल सर्विसेज के लिये मशहूर दिल्‍ली स्थित ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एम्‍स में पिछले 1 साल मे रोजाना करीब 9 से अधिक मौतें हो चुकी हैं.


CNC में 3394 मरीजों की मौतसूवना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत एम्स के हॉस्पिटल प्रशासन एवं केंद्रीय जन सूचना अधिकारी डॉ. सिद्धार्थ सतपथी ने बताया कि अप्रैल 2013 से मार्च 2014 के बीच एक साल में एम्स के मेन हॉस्पिटल और हॉर्ट  मस्तिष्क सेंटर (सीएमसी) में 3394 मरीजों की मौत हुई है. इस अवधि में एम्स में कुल 1,14,083 मरीज भर्ती हुये थे. आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, मेडिसिन विभाग के संकाय-एक में भर्ती होने वाले 1410 मरीजों में 226 की मौत हुई जबकि मेडिसिन संकाय-दो में 1010 मरीजों में 239 की और संकाय-तीन में भर्ती होने वाले 1881 मरीजों में 251 की मौत हुई. RTI से हुआ खुलासा
हिसार स्थित आरटीआई कार्यकर्ता रमेश वर्मा ने एम्स में उपचार के दौरान मरीजों की मौत का ब्यौरा मांगा था. आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, एम्स के मुख्य हॉस्पिटल में 2013-14 के दौरान भर्ती होने वाले 93,898 मरीजों में 2,474 की मौत हो गई. जबकि हॉर्ट मस्तिष्क केंद्र में भर्ती होने वाले 20,185 मरीजों में से 920 की मौत हुई. हॉर्ट डिसीस विभाग में 2013-14 में 8,147 मरीज भर्ती हुये जिसमें से 200 की मौत हो गई. एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के संकाय-एक में भर्ती हुये 2,657 मरीजों में 131 और न्यूरो सर्जरी संकाय-दो में भर्ती होने वाले 1817 मरीजों में 103 की मौत हो गई. आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, कैंसर विभाग में 2013-14 के दौरान 548 मरीज भर्ती हुये जिनमें 94 की मौत हो गई.बाल विभाग में हुई मौतदिल्ली स्िथत एम्स के बाल चिकित्सा विभाग के संकाय-एक में भर्ती होने वाले 3,699 मरीजों में से 60, संकाय-दो में भर्ती होने वाले 1,732 मरीजों मे 69 और संकाय-तीन में भर्ती हुये 10,303 मरीजों में 68 की मौत हो गई. बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग में भर्ती होने वाले 2,729 मरीजों में से 74 की मौत हो गई. इसके साथ ही नये जन्में बच्चों के विभाग में भर्ती होने वाले 2,685 मरीजों में 31 की मौत हो गई, जबकि नवजात बच्चों के विभाग में भर्ती होने वाले 246 मरीजों में 25 की मौत हो गई.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari