काठमांडू में शुरू हुए 18वें सार्क सम्‍मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि देश मुंबई पर हुए 26/11 के आतंकवादी हमलों को कभी नहीं भूल सकता. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि 'आज हम 2008 में मुंबई पर हुए 26/11 के हमलों को याद कर रहे हैं. हम अपने लोगों की जिंदगियां गवांने का अंतहीन दर्द महसूस कर रहे हैं. चलिए आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की कसम को पूरी करें.'' उनसे पहले सम्‍मेलन में पाक पीएम नवाज शरीफ ने अपने भाषण में आतंकवाद के बारे में एक शब्‍द भी नहीं कहा. शरीफ ने सिर्फ इतना कहा कि आपस में लड़ने के बजाय गरीबी और अशिक्षा से लड़ने की ज्‍यादा जरूरत है.

पाक पीएम ने लगाया अड़ंगा
सम्मेलन का पहला दिन भारत के नजरिए से निराशाजनक रहा. पाकिस्तान की ओर से लगाए गए अड़ंगे की वजह से भारत की ओर से प्रस्तावित कनेक्टिविटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर या ऊर्जा के क्षेत्र में समझौता फिलहाल नहीं हो सका. दरअसल भारत ने प्रस्ताव दिया था कि सार्क देशों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए सभी देशों को सड़क, रेल मार्गों और बिजली के जरिए आपस में संपर्क बढ़ाना चाहिए. इस बारे में भारत का मानना है कि यह कदम सार्क देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को नए स्तर पर ले जाने में पूरी तरह से सहायक हो सकता है. क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी पर जोर देते हुए भारत के पीएम मोदी ने भी सार्क सम्मेलन में बुधवार को कहा कि हमारे रिश्ते मजबूत तब होंगे, जब हम अपने देशों के आम लोगों की जिंदगियों को आपस में जोड़ेंगे. इस वजह से रेल और सड़क मार्ग के जरिए कनक्टिविटी बहुत जरूरी है.
 
श्रीलंका ने किया समर्थन
भारत के इस प्रस्ताव का श्रीलंका ने भी समर्थन किया. पाकिस्तान ने इसपर दलील दी कि उसकी 'आंतरिक प्रक्रियाएं' अभी पूरी नहीं हुईं. इस वजह से वह इस समझौते पर हस्ताक्षर बिल्कुल नहीं कर सकता. कनेक्टिविटी से जुड़े समझौतों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद अकबरुद्दीन ने बताया कि इन समझौतों पर सिर्फ एक देश को छोड़कर किसी भी अन्य देश को आपत्ति नहीं थी.
 
भारत ने शुरू की प्रतिक्रियाएं देनी  
सिर्फ एक पाकिस्तान की वजह से इस योजना को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका. वहीं सूत्रों का कहना है कि भारत ने इससे जुड़ी प्रतिक्रियाएं पहले ही देनी शुरू कर दी हैं. नेपाल के साथ मंगलवार को हुए मोटर वहिकल एग्रीमेंट इस दिशा में एक बड़ी कोशिश है. इस समझौते के बाद सदस्य देश दूसरे देशों से आने वाली गाड़ियों को अपने क्षेत्र में माल या यात्री ढोने के मकसद से प्रवेश करने देंगे. अभी फिलहाल इसके लिए कई नियम कायदे भी तय किए गए हैं.
 
भारत और पाक पीएम के बीच नहीं हुई बातचीत  
सार्क सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ में बातचीत तक नहीं हुई. नरेंद्र मोदी ने मालदीव, श्रीलंका के राष्ट्रपतियों से तो हाथ मिलाया, लेकिन नवाज शरीफ की ओर देखा तक नहीं. नवाज शरीफ भी जब भाषण देने के लिए मंच पर खड़े हुए तो उन्होंने चीन की ही वकालत की. वहीं मोदी ने साफ कहा कि वह 26/11 का दर्द कभी भूल नहीं सकते.

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Posted By: Ruchi D Sharma