सैमसंग ने ब्रिटेन में अपने मोबाइल फ़ोन ग्लैक्सी एस3 के ऑपरेटिंग सिस्टम को एंड्रायड 4.3 में अपग्रेड करने के काम को फिलहाल स्थगित कर दिया है. इस ऑपरेटिंग सिस्टम को जेली बीन के नाम से भी जाना जाता है.


इस ऑपरेटिंग सिस्टम को डाउनलोड करने काम क़रीब एक पखवाड़े पहले शुरू हुआ था. लेकिन कुछ उपभोक्ताओं ने इसमें बहुत सी समस्याएं होने की शिकायत की.इनमें बैटरी के तेज़ी से ख़त्म होने, कुछ ऐप के काम न करने और अलार्म के नहीं बजने की शिकायतें प्रमुख थीं.कंपनी ने पहले कहा था कि वह इस मामले की जाँच कर रही है.कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया, '' हम अपने उपभोक्ताओं को मोबाइल का बेहतरीन अनुभव देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम ऑपरेटिंग सिस्टम को अपग्रेड करने की सुविधा जल्द से जल्द शुरू करेंगे.''उपभोक्ताओं की शिकायतसैमसंग की ब्रिटेन इकाई के  फ़ेसबुक पन्ने पर कई उपभोक्ताओं ने अपने संदेश में लिखा है कि कंपनी ने कार्रवाई करने में बहुत अधिक समय लगा दिया.


डिलन बारलो नाम के एक उपभोक्ता ने बीबीसी को लिखा है,'' सैमसंग हमें कहता रहा कि जैसे ही समस्या का समाधान हो जाएगा, हम आपको सूचित करेंगे. लेकिन इस बीच मैने उस फ़ोन को छोड़ दिया जो अब मेरे लिए बेकार था.''एंड्रायड 4.0 पर चलने वाले  गैलेक्सी एस 3 को पहली बार मई 2012 में जारी किया गया था.

इसे बाद में एंड्रायड 4.1 में अपडेट कर दिया गया. लेकिन इस साल के शुरू में इसे नए सिरे से जारी करने के बाद उपभोक्ताओं को इसे एंड्रायड 4.2 में अपग्रेड करने का प्रस्ताव कभी नहीं दिया गया.पुरानी शिकायतसैम मोबाइल न्यूज़ नाम के एक ब्लॉग पर इस संबंध में दी गई जानकारी के मुताबिक़ इस फ़ोन को अपग्रेड करने के कारणों में से एक कारण यह भी था कि यह मोबाइल हैंडसेट कंपनी के  गैलेक्सी गियर स्मार्टवाच के अनुकूल हो सके. एक और वेबसाइट  एंड्राय़ पुलिस ने बताया है कि अमरीकी फ़ोन नेटवर्क एटी एंड टी ने अपने एस4 के ग्राहकों के लिए एंड्रायड 4.3 में अपग्रेड करने की सुविधा वापस ले लिया है. लेकिन अभी इस पर कंपनी का कोई बयान नहीं आया है. यह पहली बार नहीं है कि इस तरह का अपग्रेडेशन मुद्दा बना हो.इस साल फ़रवरी में ब्रिटेन की कंपनी वोडाफ़ोन और ऑस्ट्रिया की तीन कपंनियों ने कुछ हैंडसेट से फ़ोन करने और इंटरनेट से कनेक्ट करने में परेशानी आने की शिकायतें आने के बाद, ऐसे उपभोक्ताओं जिनके पास आइफ़ोन 4एस है, उन्हें  ऐपल के आईओएस 6.1 में अपग्रेड करने के लिए थोड़ा रुकने की सलाह दी थी. इसके कुछ दिन बाद इस अमरीकी कंपनी ने इस साफ़्टवेयर का एक नया संस्करण जारी किया था, जिससे समस्या का समाधान हुआ.

Posted By: Bbc Hindi