अनशन से कोई साल्‍यूशन ना मिलता देख ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि टीम अन्‍ना पॉलिटिक्‍स में आने का मन बना रही है. आपका क्‍या चाहते हैं वोट करें.


<a href="http://polldaddy.com/poll/6434926/" mce_href="http://polldaddy.com/poll/6434926/">क्याl अन्नाɬ को राजनीतिक दल बनाना चाहिए?</a>

टीम अन्ना ने अनशन खत्मर करने का फैसला किया है। यह निर्णय सोसाइटी के अलग-अलग फील्ड में शीर्ष पर रहे लोगों की अपील के बाद किया गया। अनशन शुक्रवार की शाम पांच बजे खत्मड होगा। इसके साथ ही टीम ने पॉलिटिक्स में आने के बारे में भी लोगों से राय मांगी है। यह माना जा रहा है कि इसके बाद संडे तक अन्ना हजारे और उनकी टीम इस बारे में कोई घोषणा कर सकती है। जंतर मंतर से अपने एक्टिाविस्ट  को अड्रेस करते हुए खुद अन्ना हजारे ने कहा कि पार्लियामेंट की अवहेलना करके वे कोई कदम नहीं उठाना नहीं चाहते वह डेमोक्रेसी का बेस है। चेंज लाने के लिए उसकी रेस्पेकक्टा करते हुए लोगों को पॉलिटिकल ऑप्शैन देना होगा।


अन्ना की बातों से यह लग रहा था कि उनकी टीम पॉलिटिकल आल्टरनेटिव की दिशा में सोच रही है। क्योंकि उन्होंने अच्छी इमेज वाले लोगों के राजनीति और सरकार में आने की बात कही। वह पहले कई बार कह चुके हैं कि मौजूदा सरकार और पॉलिटिक्स में अच्छे लोग बेहद कम हैं।

अन्ना ने साफ कर दिया है कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे। बल्कि जनता के बीच से साफ-सुथरे उम्मीदवारों को खोजना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने कहा कि लोगों ने उनसे वादा किया है कि वे जाति-धर्म और पैसों के आधार पर वोट नहीं डालेंगे। वे इस वादे पर यकीन कर के ही चुनावी पहल कर रहे हैं। उन्होंने एक विकेंद्रित, लोकतात्रिक और धर्मनिरपेक्ष विकल्प देने का वादा भी किया है। इससे पहले पिछले आठ दिन से अनशन पर बैठी टीम अन्ना को गुरुवार की सुबह पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह और धर्मगुरू श्री श्री रवि शकर सहित बड़ी संख्या में समाज के विभिन्न क्षेत्र के शीर्षस्थ लोगों ने अनशन तोड़ने की अपील की। इनमें पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जे.एम। लिंगदोह, वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर, फिल्म अभिनेता अनुपम खेर और जस्टिस संतोष हेगड़े सहित सुप्रीम कोर्ट के कई रिटायर्ड जज भी शामिल हैं। इसी तरह मैगसायसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पाडे और एकता परिषद के पीवी राजगोपाल जैसे कई सामाजिक कार्यकर्ता, योगेंद्र यादव जैसे समाजशास्त्री, ईएएस सरमा जैसे वरिष्ठ प्रशासनिक पदों से रिटायर्ड हुए अधिकारियों ने भी टीम अन्ना से राजनीति को नई दिशा देने की अपील की है।

इन्होंने लिखित बयान जारी कर कहा है कि यह देश के लिए बेहद दुर्भाग्य की बात है कि राजनीतिक तंत्र ने टीम अन्ना की माग मानना तो दूर, इसे सुनने तक से इन्कार कर दिया है। राजनीतिक तंत्र पूरी तरह असंवेदनशील हो गया है।

Posted By: Inextlive