साइबर ठगों के आगे स्मार्ट पुलिस बेबस
- सिंचाई विभाग के कर्मचारी और दो अन्य लोगों से की तीन लाख रुपए की ठगी
-तीन सालों में 442 लोगों से हुई ठगी, साइबर क्राइम सेल अभी तक एक भी घटना का नहीं कर सकी खुलासा केस-1 सिंचाई विभाग के एंप्लॉय को ठगा जाटवपुरा के प्रेम बाबू सिंचाई विभाग में एंप्लॉय हैं। बीते फ्राइडे को एक अंजान शख्स ने उन्हें कॉल कर खुद को बैंककर्मी बताया। इसके बाद आरोपी ने उसके क्रेडिट कार्ड की जानकारी ली। फिर आरोपी ने उसके कार्ड नंबर का इस्तेमाल कर 1,55,013 रुपए की ऑनलाइन शॉपिंग कर ली। वेडनसडे को एसएसपी के आदेश पर प्रेमनगर पुलिस ने अज्ञात साइबर ठग पर रिपोर्ट दर्ज की है। केस-2 अकाउंट नंबर पूछकर उड़ाई रकममीरगंज बस स्टेशन स्थित बालाजी स्वीट्स के दुकान पर काम करने वाले विपुल कुमार गंगवार से बैंक का खाता संख्या और ओटीपी नंबर पूछकर ठगों ने अकाउंट से 75000 रुपये उड़ा दिए। पीडि़त के मोबाइल पर मैसेज आने पर उसे ठगी की जानकारी हुई। जिसके बाद उसने बैंक प्रबंधन और पुलिस से शिकायत की।
केस-3: ठगों ने कर ली ऑनलाइन शॉपिंगकुलछा खुर्द के बृजेश कुमार पुत्र ओमप्रकाश मौर्य का अकाउंट नंबर पूछकर ठगों ने अकाउंट से 59990 रुपये निकाल लिए। इस घटना की जानकारी तब हुई जब उनके मोबाइल फोन पर ट्रांजेक्शन होने का मैसेज आया जिसमें ऑनलाइन शॉ¨पग को दिखाया गया है। पीडि़त ने पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज कराई है।
बरेली : डिस्ट्रिक्ट में साइबर ठगों को नेटवर्क दिन-ब-दिन बढ़ रहा है, लेकिन अपनी स्मार्ट पुलिस उनके आगे बेबस है। यही वजह है कि साइबर ठगी के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। वेडनसडे को ऐसे ही तीन केस सामने आए जिनमें ठगों ने झांसे में लेकर सिंचाई विभाग के एंप्लाय समेत तीन लोगों से तीन लाख रुपए की ठगी कर ली। वहीं पुलिस ने हमेशा की तरह मामला दर्ज कर और जांच कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। आपको बता दें डिस्ट्रिक्ट में साइबर ठगों ने पिछले तीन सालों में 442 लोगों को अपना शिकार बनाया है, लेकिन साइबर सेल और पुलिस अभी तक एक भी मामले का खुलासा नहीं कर सकी है। तीन साल में इतने लोगों को ठगा साल आईटी एक्ट 2017 049 2018 129 2019 264टोटल 442
पहले भी बनाया शिकार 1. बीते 17 जनवरी 2018 को पीएसी जवान के डेबिट कार्ड से तीन लाख रुपए उडाए। 2. अप्रैल 2018 को सनसिटी विस्तार की महिला से एकांउट से निकाले चार हजार रुपए। 3. 25 मार्च 2018 को डीडीपुरम के हर्षदीप शर्मा के अकाउंट से निकाले बीस हजार रुपए। 4. सितंबर 2018 को फौजी की पत्नी से खाते से निकाले आठ हजार रुपए। साइबर ठगी के तरीके 1. बैंक अकाउंट में ऑफर के बहाने 2. एटीएम ब्लॉक होने के बहाने 3. एटीएम को आधार से अपडेट करने के बहाने 4 .बैंक मैनेजर बनकर अकाउंट अपडेट के बहाने 5.ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए 6.डेबिट कार्ड की ट्रांजेक्शन लिमिट फ्री के बहाने इन बातों का रखें ध्यान 1. बैंक मैनेजर या अधिकारी के नाम से फोन आए तो बात न करें। 2. कोई बैंक कभी किसी कस्टमर को फोन नहीं करती है। 3. एटीएम या बैंक अकाउंट से जुड़ी डिटेल किसी को शेयर न करें। 4. कभी अपना एटीएम कार्ड किसी को न दें। 5. ट्रांजेक्शन के बारे में भी किसी को कोई जानकारी न दें। ठगों को न पकड़ने के बहाने1. साइबर ठगी की एफआईआर संबंधित थाने में दर्ज होती है लेकिन यहीं से केस डंप हो जाता है।
2. थानों की पुलिस कुछ पर्चे काटकर एफआर लगा दी जाती है क्योकि उसके पीछे कई वजह बताई जाती हैं 3. अधिकांश विवेचक कहते हैं कि जांच में आया कि ठग झारखंड, कर्नाटक व अन्य रजच्य के हैं, जहां जाना मुश्किल है 4. वह कभी अधिकारियों की परमिशन न मिलने का बहाना बनाते हैं तो कभी नक्सली एरिया में वहां की पुलिस की मदद न होने का बहाना बनाते हैं 5 .पुलिस यह भी कहती है कि साइबर ठगी में जो नंबर इस्तेमाल किया गया था, वह फेक नंबर था, जिसकी वजह से एड्रेस कंफर्म नहीं हुआ 6 .इसके अलावा बहाना बनाया जाता है कि जिस अकाउंट में रकम ट्रांसफर की गईए वह भी फेक डॉक्यूमेंट पर ओपन किया गया था। वर्जन लगातार साइबर ठग लोगों से ठगी करते हैं। इसके लिए लोगों को सजग रहने की जरूरत है। अगर कोई शख्स कॉल कर बैंक या फिर कार्ड की डिटेल मांगता है तो फौरन पुलिस को सूचना दें। रमेश भारतीय, एसपी क्राइम