शैक्षणिक योग्यता पर उठे विवाद में आलोचनाओं का सामना कर कही केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आलोचकों को करारा जबाब दिया है.


उन्होंने लोगों से अपील की कि वो उनके काम का मूल्यांकन करने के बाद सही-गलत का फ़ैसला करे.स्मृति ने कहा कि मेरा ध्यान मेरे काम से हटाने के लिए इस तरह की स्थितियां पैदा की गई है. लोगों ने और मेरे संगठन ने जिम्मेदारी पूरी करने की मेरी क्षमता को देखते हुए मेरा मूल्यांकन किया है. उन्होंने कहा कि मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि पहले मेरा काम देख लें, फ़िर कुछ कहें.यह विवाद कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन द्वारा स्मृति ईरानी संबंधी ट्वीट करने से पैदा हुआ. माकन ने स्मृति ईरानी को मानव संसाधन विकास मंत्री बनाए जाने को लेकर टिप्पणी की थी.कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने मोदी कैबिनेट की मंत्री स्मृति ईरानी के 'स्नातक' भी नहीं होने और उन्हें मानव संसाधन मंत्रालय जैसा अहम मंत्रालय दिए जाने को लेकर सवाल उठाया था.स्मृति का बचाव


माकन के टिप्पणी का जबाब देते हुए केंद्रीय कानून, आईटी एवं संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि अगर कांग्रेस प्रवक्ता ने ऐसा कहा है तो यह बहुत अफ़सोसजनक है.स्मृति जिस तरह से हिन्दी और अंग्रेजी बोलती हैं और उनमें जिस तरह की नेतृत्व क्षमता है, देश उससे अच्छी तरह परिचित है.

उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके गुणों को देखते हुए ही उन्हें इतना महत्बपूर्ण पद दिया है.भाजपा की वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री उमा भारती ने भी स्मृति का बचाव करते हुए कहा था कि पहले वे बताएं कि सोनिया गांधी कितना पढ़ी हैं.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari