बचपन में काफी intelligent थे Sri Sri Ravi Shankar
श्री श्री रविशंकर ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी कथित मुहिम की शुरूआत 7 नवम्बर को यूपी के जौनपुर जिले से कर दी है. माना जा रहा है कि बाबा रामदेव की यूपी विजिट के बाद चुनावों से पहले उनकी यह मुहिम पालिटिकली मोटीवेटेड है. रविशंकर 7 से 10 नवम्बर तक अपने इस दौरे में जौनपुर, चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर, सुल्तानपुर,अमेठी, कानपुर समेत यूपी के दस जिलों का दौरा करेंगे. आइये जानते हैं कि रविशंकर कैसे बने श्री श्री रविशंकर.
रवि शंकर की सुदर्शन क्रिया लोगों के बीच काफी पापुलर हुई. श्री श्री के फालोअर्स बताते हैं कि 1982 में दस दिनों के मौन के दौरान कर्नाटक की भद्रा नदी के किनारे लयबद्ध सांस लेने की क्रिया एक कविता या एक प्रेरणा की तरह उनके जेहन में उत्तपन्न हुई. उन्होंने इसे सीखा और दूसरों को सिखाना शुरू किया. इस तरह सुदर्शन क्रिया वर्ल्ड पापुलर हो गई. जो लोग सुदर्शन क्रिया सीखने की इच्छा जताते हैं उन्हें एक एग्रीमेंट पर सिग्नेचर करना पड़ता है कि वे सुदर्शन क्रिया को किसी दूसरे इंसान को नहीं बताएंग. सुदर्शन क्रिया सीखना काफी मंहगा है. इसे सिखाने के कोर्स की फीस हर देश में अलग-अलग है. अमेरिका में पर पर्सन से 375 डालर लिये जाते हैं.
आर्ट आफ लिविंग 1982 में में श्री श्री रवि शंकर ने आर्ट आफ लिविंग की स्थापना की. यह एजूकेशन और ह्यूमैनिटी के प्रचार प्रसार के लिए काम करती है. आर्ट आफ लिविंग के सेंटर्स दुनियाभर के 150 से भी ज्यादा देशों में हैं. रविशंकर को आर्ट आफ लिविंग में उनकी चेन मार्केटिंग स्टाइल के लिये काफी क्रिटिसाइज भी किया जाता है. International fame
- इराक में 2003 में वार के स्ट्रेस से लोगों को बचाने के लिये उन्होने कैम्प लगाया था. वहां के पीएम के इनविटेशन पर श्री श्री वहां के शिया, सुन्नी तथा कुरदिश समुदाय के नेताओं से बातचीत की थी. - 2004 में पाकिस्तान के कई लीडर्स से विश्व शांति स्थापना के लिये मिले थे.- श्री श्री ने रामजन्मभूमि मसले पर भी हिन्दू और मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की थी. - बाबा रामदेव से उनके आमरण अनशन को तोड़ने की अपील भी श्री श्री रविशंकर ने ही की थी. - रामलीला मैदान में चल रहे अन्ना हजारे के मूवमेंट में रविशंकर ने खुलकर टीम अन्ना का साथ दिया था. Science और philosophy साथ साथ