BCCI के निर्वासित प्रमुख एन.श्रीनिवासन ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अगर वह इस पद पर दोबारा चुने जाते हैं तो वह IPL बैठकों से दूर रहेंगे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में श्रीनि को काफी लताड़ लगाई है.

जांच चलने तक रहेंगे दूर
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बुधवार को ICC चीफ और बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटाये गये एन.श्रीनिवासन ने खुद को बीसीसीआई के कार्यकारी कमेटी और IPL गवर्निंग बैठकों से अलग कर लिया है. श्रीनिवासन की ओर से कोर्ट में पेश होते हुये वकील कपिल सिब्बल ने कहा, अगर कोर्ट बीसीसीआई चुनावों की अनुमति देता है और अगर 'मैं (श्रीनिवासन) उसमें अध्यक्ष पद के लिए खड़ा होता हूं और जीतता हूं तो फिर मैं आईपीएल गवर्निंग काउंसिल से दूर रहूंगा. इसके साथ ही मैं आईपीएल से जुड़ी सभी बैठक से दूरी बनाए रखूंगा'.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई लताड़
गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार को IPL-6 में हुई सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन को जमकर लताड़ा. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि उन्होंने बीसीसीआई की कार्यसमिति में हिस्सा क्यों नहीं लिया. न्यायमूर्ति टी.एस.ठाकुर और फकीर मोहम्मद इब्राहिम की पीठ ने श्रीनिवासन की मंशा पर सवाल उठाते हुये पूछा था कि, 'एक तरफ आप कहते हैं कि आप बोर्ड के डिसीजन लेने की प्रक्रिया से दूर रहेगे, जबकि दूसरी ओर तमिलनाडु क्रिकेट संघ के माध्यम से आप बीसीसीआई की कार्यसमिति में हिस्सा लेते हैं.'
हितों का टकराव
आपको बताते चलें कि इसी मामले की सुनवाई के तहत कोर्ट ने श्रीनिवासन को BCCI से दूर रहने को कहा था. IPL में कथित सट्टेबाजी और उसमें श्रीनिवासन के दामाद व चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम अधिकारी गुरुनाथ मयप्पन के नाम आने के बाद हितों के टकराव को लेकर भी कोर्ट सुनवाई कर रही है. इस साल मार्च में कोर्ट ने BCCI के उपाध्यक्ष शिवलाल यादव को बोर्ड का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था और पूर्व क्रिकेट प्लेयर  सुनील गावसकर को उस समय जारी IPL टूर्नामेंट से जुड़े कामकाज को संभालने को कहा था.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari