इस साल बेहतर मानसून से अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत में सुधार की उम्मीद सरकार और उद्योग जगत सहित सभी को है. मगर इसका दूसरा पहलू यह भी है कि इससे सरकार की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. खासकर चालू खाते के घाटे को काबू में रखने की वित्त मंत्री पी चिदंबरम की कोशिशों को झटका लगा सकता है. अच्छी बारिश से बंपर पैदावार की उम्मीद है. इससे किसानों की आमदनी में भारी इजाफा होगा. हाथ में ज्यादा नकदी होने से वे इसका कुछ हिस्सा सोना खरीदने पर खर्च कर सकते हैं. इससे पीली धातु का आयात कम करने की कवायद पर पानी फिर सकता है. चालू खाते का घाटा बढ़ाने में कच्चे तेल के बाद सोने की ही अहम भूमिका है.


सोने से भारतीयों का लगाव छुपा नहींसोने से भारतीयों का लगाव किसी से छुपा नहीं है. इसे न सिर्फ गहनों के लिए खरीदा जाता है बल्कि बुरे वक्त में काम आने के लिहाज से भी इस पर खर्च किया जाता है. देश की कुल खपत का 60 फीसद सोना ग्र्रामीणों द्वारा ही खरीदा जाता है. वर्ष 2010 में भी जब देशभर में औसत से ज्यादा बारिश हुई थी तब पीली धातु की मांग में 37 फीसद की बढ़ोतरी हुई थी.त्योहारी सीजन हो रहा शुरू
जानकारों को इस बार भी ऐसी ही उम्मीद है. हालांकि, इस बार सोने का भाव रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है फिर भी मांग में बहुत ज्यादा कमी की आशंका विशेषज्ञों को नहीं है. अगले महीने से त्योहारी सीजन शुरू हो रहा है. इसके बाद शादी विवाह का मौसम शुरू हो जाएगा. किसान इसी दौरान सोने की ज्यादा खरीदारी करते हैं. कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस बार पैदावार में सात फीसद का उछाल आने की संभावना है. गन्ना सहित नकदी फसलों की अच्छी खेती किसानों के चेहरे अभी से खिला रही है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh