मुंबई के वानखेडे स्टेडियम को अब इंतज़ार है उन 34000 लोगों का जो गुरूवार को इस मैदान पर सचिन तेंदुलकर को उनके करियर का 200वां और आख़िरी टेस्ट मैच खेलते देखेंगे.


हालांकि मैच के शुरु होने में अभी कुछ वक़्त बाक़ी है पर पहले ही 'तेंदुलकर आउट' की ख़बरें आना शुरु हो गई हैं.'तेंदुलकर आउट'"मेरी फ़िल्म का मुख्य किरदार सुनील तेंदुलकर एक बी ग्रेड फ़िल्मकार है जो एक भारी क़र्ज़ तले दबा है, सुनील को मरवाने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन ने दो छोटे चोरों को सुपारी दी है. अब वो ऐसी परिस्तिथि से कैसे आउट होगा यही है मेरी कहानी है."-स्वप्निल जयकरघबराइए नहीं, ये सचिन तेंदुलकर के आउट होने की नहीं बल्कि सुनील तेंदुलकर के आउट होने की बात है. सुनील तेंदुलकर किरदार है इस हफ्ते रिलीज़ होने वाली मराठी फ़िल्म 'तेंदुलकर आउट' का.फ़िल्म से सचिन तेंदुलकर का कोई नाता नहीं है वो तो बस कहानी के साथ साथ टीवी पर चल रहे भारत-पाकिस्तान के एक वन डे मैच का हिस्सा हैं.


फ़िल्म का शीर्षक 'तेंदुलकर आउट' फ़िल्म के पात्रों की परिस्थितयों की बात करता है जो किसी न किसी दुविधा में फंसे हैं और उनसे बाहर निकलना चाहते हैं.

फ़िल्म के निर्देशक स्वप्निल जयकर कि ये पहली फ़िल्म है और वो कहते है कि आज की तारीख़ में लोगों की ज़िंदगियां एक वन डे मैच जैसी अनिश्चित हो गई हैं. वो कहते हैं, ''कब क्या हो जाए किसी को नहीं पता. हम सब ऐसी परिस्तिथियों से आउट होना यानि निकलना चाहते हैं.''स्वप्निल अपनी बात को पूरा करते हुए कहते हैं, ''मेरी फ़िल्म का मुख्य किरदार सुनील तेंदुलकर एक बी ग्रेड फ़िल्मकार है जो एक भारी क़र्ज़ तले दबा है, सुनील को मरवाने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन ने दो छोटे चोरों को सुपारी दी है. अब वो ऐसी परिस्तिथि से कैसे आउट होगा यही है मेरी कहानी है.''रिलीज़ डेट इत्तेफ़ाक़ नहींसचिन तेंदुलकर इस हफ्ते अपने करियर का आखरी मैच खेल रहे हैं. स्वप्निल कहते है कि उन्हें पता भी नहीं था कि उनकी फ़िल्म सचिन के आखिरी टेस्ट मैच के साथ मेल खाएगी.वो कहते हैं, ''हमे तो सिर्फ ये पता था कि 15 नवंबर 1989 में सचिन ने पहला टेस्ट मैच खेल था और हम उसी तारिख को अपनी फ़िल्म 'तेंदुलकर आउट' रिलीज़ करेंगे.''नाम से होगा फ़ायदास्वप्निल कहते है कि उन्हें पहले से ही पता था कि जो भी इस फ़िल्म के नाम को एक बार सुनेगा उसके कान खड़े हो ही जाएगें क्योंकि क्रिकेट में अगर तेंदुलकर आउट तो सब ख़त्म.फ़िल्म के शीर्षक में 'तेंदुलकर' होने से ये फयदा हुआ है कि फ़िल्म की पब्लिसिटी करने में आसानी हो रही है.

फ़िल्म 'तेंदुलकर आउट' एक डार्क कॉमेडी है जिसे लिखा है योगेश विनायक जोशी ने.

Posted By: Satyendra Kumar Singh