इराक़ में आईएस चरमपंथियों को पीछे धकेलने में कुर्द सुरक्षा बल तब कामयाब हो पाए जब अमरीका ने हवाई हमले किए.


लेकिन तिगरिस नदी के उस पार उत्तरी सीरिया में कुर्द सुरक्षा बल आईएस से लड़ रहे हैं और वो भी किसी बाहरी मदद के बिना.और इस लड़ाई में कुर्द महिलाएं पुरुष लड़ाकों के कंधे से कंधा मिलाकर मोर्चा संभाल रही हैं. सीरियाई कुर्द बलों में एक तिहाई महिलाएं हैं.आईएस और कुर्द बलों के नियंत्रण वाले इलाक़ों को जोड़ने वाले जेज़ा में घुमावदार पहाड़ के उस ओर धूल भरा रेगिस्तान फैला है.इस इलाक़े में अक्सर ही आईएस और सीरियाई कुर्द 'पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट' (वाईपीजी) के बीच लड़ाई होती रहती है.डेरेन की तरह ही अधिकांश कुर्द महिलाएं किशोर हैं.वो कहती हैं, ''हमें किसी चीज़ का डर नहीं है. हम अंतिम सांस तक लड़ेंगे. हम आईएस के हाथों पड़ने की बजाय खुद को उड़ा लेना पसंद करेंगे.''इस्लामिक स्टेट के समर्थकों की तरह ही अधिकांश कुर्द भी सुन्नी मुसलमान हैं.
डेरेन कहती हैं, ''वे महिलाओं को नाचीज़ समझते हैं, लेकिन हमारी एक महिला उनके सौ लड़ाकों के बराबर है.''कुर्द लड़ाकों की उत्तरी सीरिया में स्थिति मजबूत है. उनके नियंत्रण वाले क्षेत्र में डेमोक्रेटिक यूनियन पार्टी का दबदबा है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh