वैसे तो हर गुजरने वाले साल को कई बातों के लिए याद किया जाता है। पर दो चीजें जो हमारी यादों में नक्‍श हो जाती हैं वो हैं बहुत ज्‍यादा खुशी और दूसरा है बहुत ज्‍यादा डर और दर्द। साल 2015 अब खत्‍म हो रहा है लेकिन इस साल को डर दर्द और आतंक के लिए सबसे ज्‍यादा याद किया जायेगा क्‍योंकि इस साल की शुरुआत ही आतंक के खौफनाक खेल से हुई थी। आइए देखें इस साल के पांच आतंकी चेहरे।

शार्ली अब्दो मैग्जीन के कार्यालय पर हमला
साल के शुरू में ही 7 जनवरी को इस्लामिक आतंकियों ने मोहम्मद साहब और आइएस आतंकी बगदादी के कार्टून बनाने को लेकर पेरिस में व्यंग पत्रिका शार्ली अब्दो के कार्यालय पर हमला किया और इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें चार फेमस कार्टूनिस्टों समेत कई पत्रकार मारे गए थे. मोहम्मद साहब और आइएस आतंकी बगदादी के कार्टून छापने पर ये हमले हुए थे। इसके हमले के ठीक दो दिन बाद 9 जनवरी को पेरिस के यहूदी मार्केट Hyper Cacher पर भी आतंकी हमला हुआ था जिसमें चार लोगों की मौत हुई।

मौत ने खामोश किया आयलन को लेकिन उसकी तस्वीर बोल उठी
दूसरा चेहरा है उस कुर्दी परिवार के मासूम बच्चे आयलन कुर्दी का जो सीरिया में आईएस आतंकियो के कहर से बचने के लिए समंदर से यूरोपियन देशों की ओर रवाना तो हुआ, लेकिन अपने पड़ाव से पहुंचने से पहले ही नाव पलट गई। इस हादसे में आयलन और उसके बड़े भाई और मां तीनों पानी में डूबकर मर गए। इसके बाद जब मासूम 3 साल के मासूम आयलन का शव तुर्की तट पर मिला, तो उसकी खामोश तस्वीर इस तरह बोल उठी की लाखों को रुला गयी। इस हादसे ने सभी यूरोपीय देशों को झकझोर के रख दिया। यह वो तस्वीर है जिसे देखकर पत्थरदिल इंसान की आंखों से भी आंसू निकल आएं। 

नवंबर में फिर दहला फ्रांस
13 नवंबर 2015 की शाम को फ्रांस की राजधानी पेरिस और उसके उत्तरीय उपनगरीय इलाके सेंट डेनिस में आतंकी हमलों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया गया जिसमें बड़े पैमाने पर गोलीबारी, आत्मघाती बम विस्फोट, और लोगों को बंधक बनाया गया। हमलों की शुरुआत स्टेड डी फ्रांस के बाहर तीन आत्मघाती हमलों, बड़े पैमाने पर शूटिंग और मध्य पेरिस के पास चार स्थानों पर एक और आत्मघाती बम विस्फोट के साथ हुई। सबसे घातक हमला 14 नवंबर को बाटाक्लेन थिएटर में हुआ जहाँ हमलावरों ने पुलिस के साथ उलझने से पहले लोगों को बंधक बनाया। हमलों में 129 लोग, मारे गए जिनमे से 89 की मृत्यु जिनमें से बाटाक्लेन थिएटर में ही हुई । 352 लोगों में से 80 गंभीर रूप से घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ितों के अलावा, सात हमलावरों की भी मृत्यु हो गई। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद फ्रांस पर यह सबसे घातक हमला था।
फ्रांस के फुटबाल स्टेडियम पर हुआ हमला
हमलों की श्रंखला में पेरिस का फुटबाल स्टेडियम भी शामिल था और उस समय वहां जर्मनी और फ्रांस के बीच दोस्ताना मैच चल रहा था। शुक्रवार रात हुए आतंकवादी हमलों ने फ्रांस के स्टेडियम में भी शोक की लहर फैला दी। फ्रांस के स्टेडियम में जिस वक्त हमला हुआ, वहां करीब 80,000 दर्शक मौजूद थे, जिनमें फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद भी मौजूद थे। इन हमलों की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली। हालाकि इसके बाद अपने जांच अभियान के दौरान फ्रांसिसी सुरक्षा एजेंसियों ने हमलों के मास्टर माइंड अब्देलहामिद अबाऔद को मार दिया। 

अमेरिका भी बना आतंकी हमलों का शिकार
साल खत्म होते होते सबसे शक्तिशाली राष्ट्र कहा जाने वाला अमेरिका भी खुद को दर्द के दाग से खुद को बचा नहीं पाया। अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित सैन बर्नाडिनो में कुछ हमलावरों ने 2 दिसंबर 2015 को एक कम्युनिटी सेंटर पर अंधाधुंध फायरिंग की जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई और 22 लोग घायल हुए। बाद में सुरक्षा एजेंसियों ने हमलावरो में शामिल एक पाकिस्तानी मूल के जोड़े को मार गिराया। बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आधिकारिक रूप से इस हमले आतंकी हमला घोषित किया।

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Posted By: Molly Seth