आपने कभी सोचा नहीं होगा कि एक दिन ऐसा भी आयेगा. हमारे आस-पास जितनी तेजी से टेक्‍नोलॉजी बढ़ रही है उसका सीधा असर हमारे ऊपर पड़ रहा है. जी हां जर्मनी में एक रिसर्च की गयी है जिसके रिजल्‍ट बहुत ही चौंकाने वाले हैं. पढ़ें पूरी खबर...


बना देगी क्रिमनलअगर आपको लगता है कि दिन भर काम करने के बाद टीवी देखने या स्मार्टफोन पर वीडियो गेम खेलने से आपका टेंशन  कम होता है, तो आप गलत सोच रहे हैं. एक नयी स्टडी में पाया गया है कि काम के बाद जिन लोगों को ज्यादा टेंशन रहता है और वे टीवी या स्मार्टफोन का इस्तेमाल करके उस टेंशन को रिमूव करना चाहते हैं तो हो जाइये सावधान. आप जितना ज्यादा टाइम इनमें स्पेंड करेंगे उतना ही आपके अंदर अपराध बोध और नाकामयाबी की भावना पैदा होगी. हेल्थ पर पड़ता असर
जर्मनी की जोहांस गुटेनबर्ग यूनिवर्सिटी के लियोनार्ड रेनेकी के मुताबिक, इससे पता चलता है कि सामान्य जिंदगी में मीडिया के इस्तेमाल और इंसान के सुख-सेहत के बीच में जटिल रिश्ता है. रेनेकी और उनके सहयोगियों ने 471 लोगों पर यह सर्वे किया. इसका मकसद यह जानना था कि काम के बाद वे जिस मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, उसका उनके हेल्थ पर क्या असर पड़ता है. इसमें पाया गया कि ज्यादातर लोग मीडिया का इस्तेमाल छुटकारे के तौर पर करते हैं, जिस वजह से वे दूसरे महत्वपूर्ण कामों को पूरा करने के लिए वक्त नहीं निकाल पाते. जिसका नतीजा यह होता है कि वे अपराध बोध से भर जाते हैं .

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari