इंडिया में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि किसी महिला को फांसी दी जायेगी. खबरों के मुताबिक शनिवार के बाद उन्‍हें कभी भी फांसी पर लटकाया जा सकता है. गौरतलब है कि इन दोनों पर 9 बच्‍चों को मार डालने का आरोप है.

राष्ट्रपति ने की दया याचिका खारिज
13 बच्चों का अपहरण करने और उनमें से 9 की हत्या करने के मामले में दोषी ठहराई जा चुकीं महाराष्ट्र की दो बहनों जल्द ही फांसी दी जा सकती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रेणुका शिंदे और सीमा गावित की दया याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही इन दोषी बहनों के परिजनों को भी यह बता दिया गया है कि इन्हें किसी भी वक्त फांसी दी जा सकती है. गौरतलब है कि 1990 से 1996 के बीच बच्चों की हत्याओं के मामले में कोल्हापुर की इन दोनों बहनों को 2001 में मौत की सजा सुनाई गई थी.
क्या है मामला
पुलिस के मुताबिक, ये दोनों बहनें पहले गरीब बच्चों का अपहरण करती थीं और फिर उनसे जबर्दस्ती चोरी करवाती थीं. जब ये बच्चे बड़े हो जाते और सही गलत को समझने लगते तो दोनों बहनें बर्बर तरीके से इन बच्चों की हत्या कर देती थीं. दोनों बहनें हत्या करने के लिये बच्चों के सिर पर लोहे की रॉड से वार करने या गला दबाने जैसे निर्मम तरीके अपनाती थीं. कोल्हापुर की रहने वाली ये दोनों औरतें बहनें हैं इन दोनों ने अपनी मां अंजनाबाई गावित के साथ मिलकर बच्चों का अपहरण करना शुरू किया था और फिर उप्हें भीख मांगने पर मजबूर किया जाता था. जो बच्चे इनकी बात नहीं मानते थे ये दोनों उनका बेरहमी से कत्ल कर देती थीं. इसके बाद जांच-पड़ताल करने पर वे पुलिस के हत्थे चढ़ गईं. हालांकि अंजनाबाई की ट्रायल के दौरान यरवदा जेल में ही मौत हो गई.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari