मोबाइल फोन के बिना मौजूदा जीवन शैली की कल्पना भी नहीं की जा सकती. लिहाजा शोध वैज्ञानिक भी ऐसी तकनीकों को ईज़ाद करने लगे हैं जिसका इस्तेमाल मोबाइल फोन से संभव हो.


अब वैज्ञानिकों ने ब्लड टेस्ट के लिए ऐसा उपकरण विकसित किया जिसे आपको साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि ये आपकी त्वचा के अंदर हमेशा आपके साथ ही मौजूद होगा. और आपकी रिपोर्ट मोबाइल फोन पर देता रहेगा.स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों ने वायरलेस प्रोटोटाइप नामक इस उपकरण को विकसित किया है. करीब आधे इंच (14 मिलीमीटर) लंबा और 2 मिली मीटर चौड़ा ये उपकरण एक साथ पांच तरह के ब्लड टेस्ट करने में सक्षम है.पांच टेस्ट संभवइसके जरिए कैलेस्ट्रोल, डायबिटीज की मात्रा का पता लगाया जा सकता है. इन मरीजों के लिए ये उपकरण काफी कारगर साबित हो सकता है.इसके अलावा उपकरण कैंसर मरीजों के लिए बेहद उपयोगी है. इससे कीमियोथेरेपी जैसे इलाज के दौरान शरीर पर पड़ने वाले असर की जानकारी भी मिलेगी.ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट ब्लूटूथ की तकनीक के माध्यम से डॉक्टर या मरीजों के मोबाइल फोन पर आ जाएगी.


इस उपकरण को सुई के माध्यम से पेट, पांव या बांह की त्वचा के अंदर स्थापित किया जा सकता है. एक बार स्थापित किए जाने के बाद उपकरण वहां महीनों तक काम करता रहेगा. जरूरत पड़ने पर उसे निकाला भी जा सकता है या फिर दूसरी जगह स्थापित किया जा सकता है.

इस तरह के उपकरण को विकसित करने की कोशिश दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी लंबे समय से चल रही थी. लेकिन कामयाबी इटली के शोध वैज्ञानिकों को मिली है.फेडरल डी लुज़ाने के इकोल पॉलिटेक्नीक के प्रोफेसर गिओवेनी द मिचेली और शोध वैज्ञानिक सांद्रो कारारा की टीम ने इस उपकरण को विकसित किया है. शोध वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि एक साथ इतने तरह के टेस्ट करने वाला उपकरण अपने आप में अनोखा है.लेकिन करना होगा इंतज़ारप्रोफेसर गिओवेनी द मिचेली ने कहा, “इसके इस्तेमाल से आपको पल पल की जानकारी मिलेगी. यह आपके ब्लड टेस्ट पर लगातार नजर रखेगा. इसके इस्तेमाल से आपको रोजाना या साप्ताहिक जांच की जरूरत नहीं पड़ेगी.”शोध वैज्ञानिकों के मुताबिक इस उपकरण का सफल प्रयोग अभी तक प्रयोगशाला में जानवरों पर ही हुआ है. अब इसका इस्तेमाल उन मरीजों पर करने की कोशिश की जा रही है जिन्हें नियमित अंतराल पर ब्लड टेस्ट की कराना पड़ता है.इंसानों पर होने वाले प्रयोग के बारे में रिपोर्ट आने वाले दिनों में यूरोपीय इलेक्ट्रानिक्स कांफ्रेंस में जारी होगी. हालांकि इस उपकरण को विकसित करने वालों को यकीन है कि चार साल के बाद यह आम लोगों के लिए भी उपलब्ध होगा.

Posted By: Bbc Hindi