हर जगह दिखी लापरवाही और बेफिक्री
दूसरा सीन, तकरीबन पौने तीन बजे सिविल कोर्ट कैंपस के गेट नं। 4 के पास पार्किंग का। इसमें खड़ी बाइक पर करीब ढाई घंटे पालीथीन बैग लटका रहा। इस दौरान न पार्किंग ठेकेदार ने और न ही वहां तैनात किसी पुलिसमैन ने यह जानने की जरूरत समझी कि पॉलीथीन में आखिर लटका क्या है।
Scene-4
यूनिवर्सिटी कैंपस में
रिपोर्टर ने वही बाइक 03.15 पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ऑफिस के सामने धरना दे रहे बीपीएड के स्टूडेंट्स के पास खड़ी कर दी। बाइक पर वही टिफिन रखी पॉलीथिन टंगी थी। एक घंटे में बाइक के पास से सैंकड़ों छात्र और टीचर गुजरे। धरना स्थल के पास वह अकेली बाइक खड़ी रही, लेकिन बाइक और उस पर रखी पॉलीथिन पर किसी ने भी गौर नहीं किया। यूनिवर्सिटी के सभी गेटों पर ठेकेदार खड़ा होता है। वह स्टूडेंट और बाहर से आने वाले व्हीकल्स से पांच रुपए लेकर एंट्री करने देता है। वहां किसी प्रकार की चेकिंग भी नहीं की जाती है। बाइक धरने पर 04.15 तक खड़ी रही।
फिल्म की शूटिंग स्थल पर
ताजमहल के पीछे मेहताब बाग में फिल्म की शूटिंग चल रही है। इसे देखने के लिए वहां हजारों लोगों की भीड़ जमा हो जाती है। रियलिटी चेक करने के लिए रिपोर्टर ने 01.12 पर शूटिंग स्थल पर एक पिंक कलर का बैग रख दिया। वह बैग वहां 03.14 तक रखा रहा, लेकिन किसी ने उस पर गौर नहीं किया। शूटिंग के दौरान वहां पुलिस की सिक्योरिटी भी थी। थोड़ी दूरी पर पीएसी का कैंप भी लगा हुआ है। ये एरिया ताज की सीमा में ही आता है।
अन्य जगहों पर भी यही हाल
यह स्थिति सिर्फ इन्हीं एरियाज की नहीं थी, बल्कि हजारों की गेदरिंग वाले ताज महोत्सव, कमिश्नरी, सीडीओ ऑफिस कैम्पस, नगर निगम, जल संस्थान, एसएन मेडिकल कॉलेज, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल कैम्पस में भी लावारिश रखे सामान को देखने वाला कोई नहीं दिखा।