इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस में पैसेंजर्स को नहीं लगेंगे झटके
01 जुलाई 2007 को पहली बार रेलवे लाइन पर दौड़ी इलाहाबाद-मथुरा एक्सप्रेस
01 अक्टूबर 2013 से इलाहाबाद-मथुरा एक्सप्रेस को मथुरा से आगे बढ़ाते हुए जयपुर तक किया गया 13 घंटे 20 मिनट में 782 किलोमीटर का सफर तय करती है इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस 12 साल बाद अपग्रेड हो रही है इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस -इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस में लगेगा एक एलएचबी रैक prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: इलाहाबाद-जयपुरएक्सप्रेस सोमवार से नए अंदाज में शुरू हो रही है। अब इस ट्रेन के जरिए प्रयागराज से जयपुर और मथुरा का सफर और लग्जूरियस होगा। वजह, इलाहाबाद मंडल इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस में एलएचबी कोच का एक रैक लगाने जा रहा है। इससे सफर के दौरान पैसेंजर्स को झटका नहीं लगेगा। 12 साल पहले पटरी पर आई थी मथुरा एक्सप्रेस2007 से लेकर अब तक लगातार इलाहाबाद-मथुरा और अब इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस को लगातार पैसेंजर्स की डिमांड और जरूरतों के अनुसार सुविधाओं से लैस करते हुए अपग्रेड किया जा रहा है। इलाहाबाद मंडल में चल रहे रेलवे के 'प्रोजेक्ट उत्कृष्ट' के तहत इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस के रैक को अपग्रेड कर सुंदर व आकर्षक बनाया गया है।
एक दिन एलएचबी तो एक दिन सीबीसी रैक12403-12404 इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस के परंपरागत 02 सीबीसी रेक में एक रेक को एलएचबी रेक में बदला जा रहा है। इसका शुभारंभ सोमवार को दिसंबर को होगा। जल्द ही ट्रेन के दूसरे रैक को भी एलएचबी कोच में बदल दिया जाएगा। जब तक दूसरा रैक भी एलएचबी में परिवर्तित नहीं होता। तब तक एक दिन के अंतराल पर इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस में सीबीसी रेक व एलएचबी रैक लगते रहेंगे।
कोच की संख्या घटेगी, बर्थ की संख्या बढ़ेगी इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस में अभी तक फर्स्ट एसी के एक, सेकेंड एसी के 2, थर्ड एसी के चार, स्लीपर के नौ, जनरल के चार और एसएलआर के 2 कोच सहित कुल 22 कोच लगाए गए हैं। जिसमे रिजर्व श्रेणी में 1014 बर्थ अवलेबल है, लेकिन नये एलएचबी कोचों की लम्बाई अधिक होने के कारण, नौ दिसंबर से इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस में कोचों की संख्या 22 से घट कर 20 हो जाएगी। वहीं आरक्षित श्रेणी में 1056 बर्थ उपलब्ध होगी। नये एलएचबी कोचों के फर्स्ट एसी में 24 बर्थ, सेकेंड एसी में 52 बर्थ, 3 एसी में 72 व स्लीपर में 80 बर्थ की व्यवस्था है। एलएचबी कोच के ये हैं फायदे - नये एलएचबी कोच, पुराने कोचों से ज्यादा हल्के और लम्बे हैं। - इससे बिजली की खपत में कमी होगी, साथ ही साथ हर कोच में पहले से अधिक संख्या में पैसेंजर्स होंगे।- यह कोच 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलने के लिए फिट हैं।
- स्टील की हल्की, लेकिन बेहद मजबूत बाडी होने के कारण इनमें तेज गति से चलने के दौरान आवाज और कंपन काफी कम होता है। -एलएचबी रेक के वातानुकूलित कोचों में अच्छी एयरकंडीशनिंग होने के साथ ह्यूमिडिटी कंट्रोल भी है। इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस के सफर को बेहतर बनाने के साथ ही पैसेंजर्स को बेहतर सुविधाएं देने के लिए इसमें एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं। इससे दुर्घटना की भी संभावना कम होगी। सुनील कुमार गुप्ता पीआरओ, इलाहाबाद मंडल