हार्ड कोर क्रिमिनल्स की जमानत लेने वालों की खंगाली जा रही कुंडली

चार दर्जन से अधिक ऐसे लोग पुलिस की रडार पर, कई बार ले चुके हैं जमानत

vinay.ksingh@inext.co.in

PRAYAGRAJ अपराधियों व उनके करीबियों के बाद पुलिस अब मर्डर, अटेम्प्ट टु मर्डर, लूट, चोरी, रेप, किडनैपिंग, रंगदारी समेत तमाम बड़े अपराधों को अंजाम देने वाले शातिरों की फर्जीवाड़ा कर जमानत लेने वाले गैंग पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। यह वह लोग हैं जिनका आम तौर पर पुलिस से कोई वास्ता नहीं पड़ता लेकिन, उनका काम किसी अपराधी से छोटा नहीं होता। यह हार्ड कोर क्रिमिनल्स के लिए जमानतदार का पूरा बंदोबस्त देखते हैं। अपराधी भी अपने परिवार को दूर रखने के लिए यह सेफ साइड गेम खेलते हैं। इस रैकेट की सेटिंग कोर्ट से लेकर थाने तक है। इसलिए इन पर शिकंजा कसने की तैयारी है। फिलहाल सभी का डिटेल तैयार किया जा रहा है। इसमें पुलिस हाथ ऐसे फैक्ट लगे हैं जो यहां भी एक नेक्सस के एक्टिव होने का संकेत देते हैं।

हर काम का रेट कर रखा है फिक्स

पुलिस इंवेस्टिगेशन में यह फैक्ट सामने आया है कि हार्डकोर क्रिमिनल और शातिर अपराधियों के जेल जाते ही उनके सम्पर्क में रहने वाले जमानत लेने एक्टिव हो जाते हैं। चंद रुपयों के लिए फर्जी कागजात तैयार कर उनकी जमानत लेने पहुंच जाते हैं। सवाल यह भी उठता है कि आखिर ऐसे लोगों की जरूरत क्या है। सूत्रों की मानें तो शातिर अपराधियों पर कई मुकदमे होते हैं। अपराधी खुद नहीं चाहते कि उनका परिवार किसी मामले में इनवाल्व हो या कोर्ट के चक्कर काटे। इसलिए वे बाहर से जमानत लेने वालों को अरेंज करते हैं। इससे अपराधियों का परिवार सुरक्षित रहता है। सूत्रों का कहना है कि जमानत लेने वालों का बकायदा रेट फिक्स है। बाइक चोरी, स्मैक, छिनैती का रेट तीन से आठ हजार रुपये के बीच है। मर्डर, बड़ी लूट, रेप, किडनैपिंग आदि केसेज में जमानतदार का रेट अपराधी का नाम और रुतबा तय करता है।

कैसे काम करता है नेटवर्क

कोर्ट से लेकर थाने तक फैला है फर्जी जमानत लेने वालों का नेक्सस

इसमें हर तरह के लोग शामिल होते हैं और जरूरत पर जमानत के लिए उपलब्ध हो जाते हैं

केस और फेस से तय होता है जमानत लेने वाले का रेट

इन लोगों के पास ऐसी गाडि़यों के कागजात होते हैं जो कबाड़ हो चुकी होती हैं

ऐसी जमीन का दस्तावेज इस्तेमाल किया जाता है जो विवादित होती हैं

जमानत जब्त होने की स्थिति में इनसे कुछ वसूल पाना होता है मुश्किल

एक संपत्ति पर दर्जनों लोगों की जमानत लेने की बात पुलिस की जांच में आ चुकी है सामने

कचहरी के आसपास पूरी सेटिंग

आम तौर पर कोर्ट जमानत मंजूर करने के साथ कुछ न कुछ वैल्यू के डाक्यूमेंट्स को जमानत के तौर पर जमा कराने का आदेश देती है

पहली या दूसरी बार अपराध में जेल जाने वालों की जमानत के लिए अपने सामने आ जाते हैं

हाई कोर क्रिमिनल्स के लिए जमानतदारों की लिस्ट पहले से तैयार होती है

जमानत मंजूर होते ही फर्जी जमानत लेने वाले गैंग हो जाते एक्टिव

इनके पास प्रॉपर्टी, बाइक, दुकान व घर का पेपर उपलब्ध होता है

पेपर कोर्ट में लगाने के बाद इसका वेरिफिकेशन कराने तक होती है सेटिंग

फेक डाक्यूमेंट का यूज होने से अपराधी दोबारा अपराध करने से नहीं डरते

जमानतदार भी अपना ओरिजिनल पता यूज नहीं करते तो वे भी बिना किसी डर भय के घूमते हैं

ऐसे लोग पुलिस की नजर में भी चढ़ चुके हैं। इनफैक्ट पूरे नेक्सस पर पुलिस की नजर है

सूत्रों के अनुसार अभी तक कि पड़ताल में चार दर्जन से अधिक नाम सामने आ चुके हैं

इन सभी पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस पृष्ठभूमि तैयार कर रही है

इनके खिलाफ पुख्ता सुबूत जुटाये जा रहे हैं ताकि कार्रवाई में कोई बाधा न आए

शातिर अपराधियों की जमानत में एक ही डाक्यूमेंट कई बार इस्तेमाल करने वाले लोगों पर टीम वर्क कर रही है। अभी डिटेल और डाक्यूमेंट जुटाया जा रहा है। इन लोगों का व्यवहार कानून से खिलवाड़ जैसा सामने आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इनके बूते जमानत पर बाहर घूम रहे लोगों को भी जेल भेजा जायेगा।

सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी,

एसएसपी प्रयागराज

Posted By: Inextlive