Allahabad: यहां की स्थिति देखकर स्टूडेंट्स का एक ही कमेंट होता है फिर कभी ऐसा दिन न देखना पड़े. कारण है घंटों एक टेबल से दूसरे टेबल तक भटकना. वह भी सिर्फ एक मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए. स्टूडेंट्स पूरी तरह से फिट हैं लेकिन प्राब्लम यह है कि इससे उनका काम नहीं चलने वाला है. काम चलने के लिए जरूरी है वह सर्टिफिकेट जो वेरीफाई करके कि वे मेडिकली पूरी तरह से फिट हैं. सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसे सब्मिट न करने पर स्टूडेंट्स का एडमिशन कैंसिल किया जा सकता है. अभी खाली टाइम है इसलिए स्टूडेंट्स इस काम को प्रॉयोरिटी के आधार पर पूरा कर लेना चाहते हैं ताकि बाद में कोई दिक्कत सामने पेश न आए.




Next week से शुरू हो रहा है admission process

जुलाई मंथ के साथ ही कालेजों में एडमिशन का दौर भी शुरू होने वाला है। इसलिए स्टूडेंट पेपर वर्क कम्पलीट करने में जुटे हुए हैं। प्रोफेशनल कोर्सेज में एडमिशन लिए मेडिकल सर्टिफिकेट सबमिट करना होता है। इसे बनवाने के लिए स्टूडेंट्स को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। सीएमओ ऑफिस में सुबह से ही स्टूडेंट्स की लाइन लग जाती है। स्टूडेंट्स घंटों लाइन में लग कर अपने रजिस्ट्रेशन का इंतजार करते हैं। सीएमओ ऑफिस में भारी भीड़ के कारण कई बार स्टूडेंटस के सब्र का बांध भी टूट जाता है, लेकिन ऑफिस में बैठे लोगों को इस बात की कोई परवाह नहीं होती है।

Registration से शुरू होती है जंग

सीएमओ ऑफिस से मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए स्टूडेंटस को अपना रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। यही से उनकी जंग शुरू होती है। सीएमओ ऑफिस में एक रुपए का पर्चा बनवाने के बाद आवेदक को बेली हॉस्पिटल भेज दिया जाता है। जहां उनका मेडिकल टेस्ट होता है। उसके बाद वापस सीएमओ ऑफिस आना पड़ता है। जहां मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद स्टूडेंटस के एडमिट कार्ड की फोटो कॉपी, फोटो के साथ ही तीस रुपये फीस जमा कराई जाती है। उसके बाद वहां मौजूद डाक्टर्स का पैनल उनकी जांच करता है। जिसके बाद कहीं जाकर उन्हें मेडिकल सर्टिफिकेट मिल पाता है।

Posted By: Inextlive