- स्टेटस सिबंल के चक्कर में बरेलियंस कर रहे नशा

- बोले एक्सपर्ट, शौक के चक्कर में युवा हो रहे मेंटली वीक

बरेली : हर वर्ग नशे की जद में फिर वह चाहें शराब का नशा हो या फिर तमाम प्रकार के ड्रग्स का। जिले में भी काफी लोग नशे की जद में वही एक्सपर्ट की माने तो लगातार नशा करने से लोगों की निजी जिंदगी पर तो गंभीर असर पड़ ही रहा है वहीं वह नशा न मिलने पर खुद की जान तक जोखिम में डाल रहे हैं।

परेशानियां बढ़ाती नशा

सीनियर साइकोलॉजिस्ट डॉ। हेमा खन्ना के अनुसार पहले तो लोग शौक के तौर पर नशा करना शुरु करते हैं लेकिन बाद में यह शौक उनकी आदत बन जाता है तमाम प्रकार के केस ऐसे आए हैं जिन्होने दूसरों को देखकर नशा करना शुरु किया लेकिन अब हालात यह है कि उनकी निजी जिंदगी में तो परेशानियां बढ़ी ही है वहीं नशा न मिलने पर वह खुद को भी नुकसान पहुंचाने से बाज नहीं आ रहे हैं। यह गंभीर मामला है इस ओर लोगों को ध्यान देने की जरुरत है।

खतरे में जिंदगी

सीनियर फिजीशियन डॉ। सुदीप सरन के अनुसार अल्कोहल और ड्रग्स का सेवन लगातार करने से बॉडी के आर्गन पर गंभीर असर पड़ता है इससे आंखे, लंग्स और हार्ट संबंधी गंभीर बीमारियां होती है। जब व्यक्ति नशा करना शुरु करता है तो पहले तो उसे सुकून की अनुभूति होती है लेकिन बाद में वह इसका आदी बन जाता है जो कि बाद में मौत का कारण बनता है।

यूथ में लगा रहा नशे की लत

बारादरी थाना क्षेत्र में में कुछ दिन पहले एक महिला ने अपने बच्चों के बिगड़ने और मुहल्ले की स्थिति से एसएसपी को अवगत कराया। सैलानी निवासी महिला ने बताया कि एक युवक मुहल्ले में मादक पदाथरें का अवैध कारोबार करता है। वह मादक पदाथरें की तस्करी के काम में संलिप्त हैं। उसने सैलानी समेत आस पास के बच्चे और युवाओं को भी नशे की लत लगा दी है। आरोपित एक होटल के पास पड़े खाली प्लाट में धंधा चला रहा है। वहीं जब उसने पुलिस से शिकायत की तो आरोपित ने उसे धमकी दी। मामले में तत्कालीन एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

नशे का गढ़ है बरेली

देहरादून के छात्र स्मैक खरीदने के लिए खुद भी बरेली पहुंच जाते हैं। पिछले साल रेलवे जंक्शन पर 25 युवाओं को पकड़ा गया था। इनमें से कुछ निजी कॉलेजों में पढ़ाई करते थे तो कुछ उनके लिए ड्रग्स लेकर जा रहे थे। बरेली के फतेहगंज पश्चिमी में देहरादून की चार लड़कियां अक्सर स्मैक खरीदने आती हैं। इनमें एक लड़की निजी डिग्री कॉलेज के बराबर में रेस्टोरेंट चलाती है। तीन अन्य हैं, जो पहले पढ़ाई करते वक्त स्मैक की लती हुईं। अब वे नशे के साथ तस्करी भी करने लगीं।

यह हैं नशे के गढ़

गंगापुर, जोगीनवादा, सिकलापुर, बिहारीपुर, स्वालेनगर, कटघर, बाकरगंज, माधौबाड़ी, नई बस्ती, वानखाना, लाल फाटक, करगैना, बभिया, सुभाषनगर, वीर भट्टी, मढ़ीनाथ, नेकपुर, सीबीगंज, किला पुल के नीचे, केलाबाग, चौधरी तालाब, जंक्शन के पीछे बस्ती, बंशीनगला, बजरिया मोती लाल, भूड़, कहरवान, मठ लक्ष्मीपुर, मिनी बाइपास, इच्जतनगर, नगरिया परिक्षेत्र।

Posted By: Inextlive