Gorakhpur : विवेक ने दो साल पहले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी 'नीलिट' के एक कोर्स में एडमिशन लिया था. कोर्स 6 मंथ्स का था. विवेक के फादर रेलवे में हैं. एडमिशन लेने के लगभग 2 मंथ्स बाद उनका ट्रांसफर दूसरे सिटी में हो गया. कुछ रीजन्स की वजह से विवेक के लिए भी अकेले गोरखपुर में रहना पॉसिबल नहीं था. इस वजह से विवेक को अपना कोर्स बीच में ही ड्राप कर जाना पड़ा.

जल्द स्टैंडरडाइज्ड होंगे कोर्स
विवेक की तरह ऐसे बहुत से स्टूडेंट्स हैं जिनको अपने पैरेंट्स की ट्रांसफरेबल जॉब या किसी और वजह से स्टडीज के बीच में सिटी चेंज करनी पड़ती है और उनकी पढ़ाई डिस्टर्ब होती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। नीलिट में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को अब अगर किसी वजह से सिटी चेंज भी करनी पड़ी तो वह दूसरी सिटी के नीलिट सेंटर से अपने कोर्स को कंटीन्यू कर सकेंगे। जल्द ही नीलिट के शॉर्ट टर्म कोर्स स्टैंडरडाइज्ड हो जाएंगे।
सभी कोर्स हैं प्रोफेशनल और जॉब ओरिएंटेड
नीलिट ने अपने 53 शॉट टर्म कोर्सेज को स्टैंडरडाइज्ड करने का प्रॉसेस शुरू कर दिया है। अगले 2 मंथ्स में यह देश के सभी सेंटर्स पर लागू हो जाएगा। इन कोर्सेज में सर्टिफिकेट कोर्स इन ऑफिस ऑटोमेशन एंड सॉफ्ट स्किल्स, वेब डिजाइनिंग, पीजी डिप्लोमा इन सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, डिप्लोमा इन मल्टीमीडिया डिजाइन सहित कई अन्य सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा के कोर्स शामिल हैं। यह सभी कोर्स प्रोफेशनल और जॉब ओरिएंटेड हैं। टेक्निकल कोर्स होने की वजह से इनको करने के बाद स्टूडेंट्स के सामने बहुत से जॉब ऑप्शंस होंगे।
कोर्स कंप्लीट करने वाले सेंटर से मिलेगा सर्टिफिकेट
जिन 53 कोर्सेज को स्टैंडरडाइज्ड किया जा रहा है उनका सिलेबस देश के सभी नीलिट सेंटर्स पर सेम होगा। इसका फायदा यह होगा कि अगर गोरखपुर के नीलिट सेंटर पर एडमिशन लेने वाला स्टूडेंट कोर्स के बीच में कोलकाता चला जाता है तो वह वहां के सेंटर से अपना कोर्स कंटीन्यू करके कंप्लीट कर सकता है। स्टूडेंट्स को उसका सर्टिफिकेट या डिप्लोमा वहां से दिया जाएगा जहां से वह कोर्स कंप्लीट करेगा। नीलिट गोरखपुर के ज्वाइंट डायरेक्ट आलोक त्रिपाठी ने बताया कि अभी तक नीलिट के सभी सेंटर्स अपने अकॉर्डिंग शॉट टर्म कोर्स डिजाइन करते थे। इसकी वजह से यह जरूरी नहीं था कि जो कोर्स गोरखपुर सेंटर पर चल रहा हो वह दूसरी सिटी के सेंटर पर भी चल रहा हो। इसी वजह से अगर स्टूडेंट सिटी चेंज करता था तो उसे पढ़ाई ब्रेक करनी पड़ती थी। लेकिन स्टैंडरडाइजेशन होने के बाद सभी सेंटर्स पर सेम कोर्स और सेम सिलेबस होगा जिससे यह प्रॉब्लम खत्म हो जाएगी।
नीलिट के कोर्सेज को स्टैंडरडाइज्ड करने का काम 2 मंथ्स में कंप्लीट हो जाएगा। इससे स्टूडेंट्स को बहुत फायदा मिलेगा। स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई दूसरे नीलिट सेंटर से भी कंप्लीट कर सकेंगे।
आलोक त्रिपाठी, साइंटिस्ट 'डी', ज्वाइंट डायरेक्टर, नीलिट, गोरखपुर सेंटर

 

report by : shailesh.arora@inext.co.in

Posted By: Inextlive